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नागौर

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला हैड कांस्टेबल कार्यमुक्त

कोतवाली थाने में तैनात प्रेमाराम चौधरी को अजमेर रेंज आईजी कार्यालय भेजा

नागौरJun 04, 2024 / 08:15 pm

Sandeep Pandey

लोकसभा प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के कार्यकर्ता/समर्थकों को परेशान करने

सोशल मीडिया पर अनर्गल पोस्ट डालने का था आरोप

नागौर. सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव प्रत्याशी के खिलाफ पोस्ट करने वाले हैड कांस्टेबल प्रेमाराम चौधरी जांच में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का दोषी निकले। प्रेमाराम को कोतवाली थाने से तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करते हुए अजमेर रेंज आईजी कार्यालय पदस्थापित किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) की ओर से पत्र मिलने के बाद एसपी नारायण टोगस ने चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रेमाराम को अजमेर रेंज आईजी कार्यालय में उपस्थिति देने को कहा है। गौरतलब है कि 9 अप्रेल को लोकसभा प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल की ओर से निर्वाचन अभिकर्ता किशनाराम पिण्डेल ने जिला निर्वाचन अधिकारी को इस बाबत शिकायत दी थी।इस शिकायत में कहा गया था कि कोतवाली थाने की गांधी चौक चौकी पर तैनात हैड कांस्टेबल प्रेमाराम चौधरी ना केवल बेनीवाल के कार्यकर्ता-समर्थकों को तंग कर रहा है, बल्कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अनर्गल पोस्ट डाल रहा है। एक पुलिसकर्मी होने के नाते ऐसा कृत्य आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। प्रेमाराम पूर्व में भी विवादों में रहा है, ऐसे में चुनाव के चलते इसे यहां से हटाया जाए। इस संदर्भ में एफआईआर तक दर्ज हुई।सूत्र बताते हैं कि बाद में जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से एसपी नारायण टोगस से इस शिकायत की जांच के आदेश दिए गए। इस बाबत जांच रिपोर्ट में एसपी ने प्रेमाराम पर लगाए गए आरोपों को अप्रमाणित बताया। उनका कहना था कि जिस कार को प्रेमाराम की ओर से जबरन रोकना बताया गया, उसमें संबंधित कार ड्राइवर ने वाहन की आरसी व बीमा संबंधी दस्तावेज पेश नहीं किए, उसने ना सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो प्रतिलिपि दिखाई, बल्कि हस्ताक्षर नहीं किए। प्रेमाराम की ओर से फेसबुक पर की गई पोस्ट का अवलोकन से यह सामने आया कि यह किसी व्यक्ति अथवा राजनीतिक दल के बारे में नहीं है ना ही उसकी पोस्ट किसी प्रत्याशी के समर्थन में वोट देने की अपील करती हुई दिखी।बताया जाता है कि इसके बाद एसपी की इस जांच पर ही सवाल उठने लगे तो जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से सोमवार को जारी पत्र में इस शिकायत को आचार संहिता का उल्लंघन बताया। इसके बाद एसपी ने प्रेमाराम चौधरी को कोतवाली थाने से कार्यमुक्त कर अजमेर रेंज आईजी कार्यालय ड्यूटी देने के आदेश दिए।

सस्ता सोना लाते कहां से थे शातिर,
पहले कई बार दे चुके थे असली भी

नागौर. सोने के जरिए मोटा मुनाफा दिलाने के बहाने करीब पचास लाख की धोखाधड़ी के मामले में अब उलझन और बढ़ती जा रही है। पहले भी पीडि़त गुमानराम दिल्ली दरवाजा निवासी मोहम्मद अशफाक, मोहम्मद जफर, आबिद हुसैन और नौशाद अली से कई बार सस्ते में सोना लेकर मोटा मुनाफा कमा चुका है। सस्ता सोना कहां से आ रहा था, पुलिस अब इसकी जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार गुड़ला निवासी गुमानराम जाट इन चारों को सोने के लिए ही रकम देता था। किसी अन्य काम के लिए रकम देना या फिर मोटा ब्याज कमाने जैसी बात अभी सामने नहीं आई है। मोहम्मद अशफाक और उसके भाई मोहम्मद जफर के कई लोगों से पैसे के लेन-देन के विवाद की जानकारी सामने आई है, हालांकि ये मामले थाने-कोर्ट तक नहीं पहुंचे हैं। असल में ये चारों भाई बाजरवाड़ा में सोने-चांदी का शोरूम चलाते तो हैं पर गुमानराम को पहले कई बार सस्ता सोना देने की बात किसी के गले नहीं उतर रही। यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि ये सस्ता सोना लाते कहां से हैं।
सूत्रों का कहना है कि मोहम्मद अशफाक और मोहम्मद जफर ने गुमानराम को बता रखा था कि वो बैंक अथवा अन्य फाइनेंस कम्पनी से नीलामी में सोने के जेवरात बोली में सस्ते छुड़ाकर आगे मोटे लाभ में बेचने का काम भी करते हैं। अब पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि आखिर सस्ता सोना इन्हें किस बोली में मिलता रहा है, जो ये गुमानराम को बेचते थे। इस पर शंका इसलिए है कि कोई बैंक या फाइनेंस सोने के जेवरात की नीलामी करेगा तो क्या इन्हीं को बताएगा। गुमानराम को 54 लाख की एवज में पंद्रह सौ ग्राम के जो पांच पैकेट दिए गए वो डली के रूप में थे जो देखने में ही नकली नजर आ जाते हैं। पुलिस जहां गुमानराम से दस्तावेज/बिल आदि मांग रही है, वहीं इन चारों आरोपियों की भी तलाश कर रही है।

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