जेएलएन अस्तपाल में डॉक्टरों के करीब आधे पद रिक्त हैं। वहीं दूसरी तरफ जो पद भरे हुए हैं, उनमें भी आधे सोमवार को साप्ताहिक अवकाश व अवकाश पर थे, जिसके चलते जो ड्यूटी पर थे, उनको दिखाने में मरीजों को लम्बा इंतजार करना पड़ा। कई मरीज निराश होकर डॉक्टर को बिना दिखाए ही वापस लौट गए। 11 बजे तक केवल पीएमओ डॉ. महेश पंवार आउटडोर में मरीज देखते मिले।
सर्दी-जुखाम से पीडि़त हूं, इसलिए पिछले पांच दिन से लगातार जेएलएन अस्पताल आ रहा हूं, लेकिन यहां डॉक्टर नहीं मिलते। प्राइवेट की हड़ताल चल रही है, इसलिए उपचार नहीं मिल रहा है।
– मोहम्मद हनीफ गौरी, बड़ली
आंखें दिखाने आया हूं, लेकिन यहां कह रहे हैं कि डॉक्टर हड़ताल पर है, इसलिए वापस जा रहा हूं। बुढ़ापे में बार-बार आया भी नहीं जाता।
– मानबागसिंह, खेराट
नजर नहीं रही। आंधा हुयोड़ा फिरां जणा आज डीडवाणा सूं अठै आया, पण डॉक्टर साहब मिल्या कोनी। अब पाछा जावां।
– गणपत गिरी, डीडवाना डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार
आज अस्पताल के डॉक्टरों ने 9 से 11 बजे तक दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। अब 29 को सामूहिक अवकाश पर जाने की बात कह रहे हैं। इसके लिए जिला कलक्टर से चर्चा कर वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को मरीजों की संख्या अधिक होने तथा फिजिशियन डॉक्टर अवकाश पर होने के कारण डॉ. अशोक झाड़वाल को नाइट ड्यूटी के बावजूद सुबह फोन कर बुलाया, ताकि मरीजों को राहत मिल सके।
– डॉ. महेश पंवार, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल, नागौर