खींवसर विधानसभा उप चुनाव का लम्बे समय से इंतजार कर रहे जिले सहित प्रदेशभर के लोगों के लिए शनिवार को यह का विषय बना रहा कि कांग्रेस के सामने चुनाव कौन लड़ेगा। क्योंकि लोकसभा चुनाव में भाजपा व आरएलपी के बीच गठबंधन हो चुका है, ऐसे में क्या खींवसर से तीन बार चुनाव जीत चुके आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल इस बार भाजपा के लिए सीट खाली करेंगे या फिर आरएलपी ही चुनाव लड़ेगी? यह बड़ा सवाल है। उधर, भाजपा का एक धड़ा इस बात पर अड़ा हुआ है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जब आरएलपी के लिए पूरी सीट छोड़ दी तो अब खींवसर में आरएलपी को भाजपा के लिए सीट छोडऩी चाहिए। हालांकि दोनों ही पार्टियों के पदाधिकारियों का कहना है कि खींवसर से चुनाव कौन लड़ेगा, यह रविवार को तय आपस में बैठकर तय करेंगे।
बसपा विधायकों को मिलाकर प्रदेश में मजबूत हो चुकी कांग्रेस की ओर से खींवसर में प्रत्याशी कौन होगा, इसकी अभी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ऊपर पूर्व केबिनेट मंत्री हरेन्द्र मिर्धा का नाम चल रहा है। यह भी जानकारी मिली है कि हरेन्द्र मिर्धा पिछले काफी दिनों से कुचेरा में डेरा जमाए हुए हैं और हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट से मिल चुके हैं।
खींवसर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा व आरएलपी में से कौन चुनाव लड़ेगा, रविवार को संयुक्त बैठक के बाद तय करेंगे। रविवार को भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी सहित कई नेता नागौर आएंगे, वे कार्यकर्ताओं से भी चर्चा करेंगे।
– रमाकांत शर्मा, जिलाध्यक्ष, भाजपा (नागौर शहर)
पूर्व में हमारी दिल्ली में भाजपा नेताओं से बात हो गई थी, जिसमें हमारी एक सीट पर आरएलपी द्वारा और एक पर भाजपा द्वारा चुनाव लडऩे की बात तय हुई थी। फाइनल निर्णय एक-दो दिन में दोनों पार्टियों के पदाधिकारी बैठकर कर लेंगे।
– हनुमान बेनीवाल, नागौर सांसद व राष्ट्रीय संयोजक, आरएलपी