उधर, सांसद हनुमान बेनीवाल
MP Hanuman Beniwal का कहना है कि कॉलेज प्रशासन की ढिलाई व उदासीनता से कुछ मुद्दों का समाधान वर्षों से नहीं हुआ है। बेनीवाल ने पत्रिका को बताया कि उन्होंने कॉलेज में विकास कार्यों के लिए फंड दिया, लेकिन कॉलेज ने खर्च करने की बजाय लौटा दिया, इसके बाद उन्हें ग्राम पंचायतों को एजेंसी बनाकर काम करवाना पड़ा। बेनीवाल ने कहा कि वे आज भी चार दीवारी के लिए बजट देने को तैयार है।
पिछले सात-आठ साल से जिला मुख्यालय के श्री बीआर मिर्धा राजकीय कॉलेज
BR Mirdha Government College के मुद्दे हों या फिर महिला कॉलेज और विधि कॉलेज, कई मुद्दे ऐसे हैं जिनका समाधान आज तक नहीं हो पाया है। राजस्थान पत्रिका ने पिछले चुनावों में छात्रसंघ संगठन एनएसयूआई व एबीवीपी के साथ अध्यक्ष का चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों द्वारा चुनाव के समय किए गए वादों एवं उनके द्वारा गए मुद्दों की हकीकत जानी तो स्थिति काफी निराशाजनक मिली। कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो हर साल छात्र नेताओं द्वारा उठाए जाते हैं और चुनाव के बाद भूल जाते हैं।
ये हैं प्रमुख मुद्दे, जिनका वर्षों से नहीं हुआ समाधान नागौर मिर्धा कॉलेज – एनएसयूआई इन मुद्दों पर लड़ेगी चुनाव एबीवीपी के ये हैं मुद्दे हमने प्रयासों में कमी नहीं रखी, लेकिन कॉलेज भी दे सहयोग
मेरे पास जब-जब छात्र नेता अपनी समस्याएं एवं कॉलेज विकास के मुद्दे लेकर आए, मैंने उनको निराश नहीं किया। मैंने खींवसर विधायक रहते हुए बीआर मिर्धा कॉलेज में 10 लाख रुपए का बजट दिया है, जिससे छात्रसंघ कार्यालय का निर्माण, एक लाख रुपए का खेल सामान तथा एक लाख रुपए वाटर कूलर पर खर्च हुए हैं। जहां तक चार दीवारी की बात है तो कॉलेज प्रशासन चार दीवारी बनवाए, मैं 10 लाख रुपए देने को तैयार हूं। मुख्य बात यह है कि विधायकों व सांसद के कोष की राशि को खर्च करने में रुचि नहीं दिखाती, जिसके कारण हमें ग्राम पंचायतों को एजेंसी बनाकर काम करवाना पड़ता है। कॉलेज में व्याख्याताओं के पद जल्द ही भरवा देंगे तथा एनसीसी की गल्र्स विंग खोलने के लिए भी मैंने दिल्ली व जयपुर बात कर ली है, जल्द ही परिणाम मिलेगा।
– हनुमान बेनीवाल, सांसद, नागौर