गौरतलब है कि साक्षरता की दर एवं शिक्षा के क्षेत्र में सीकर, झुंझुनूं, कोटा , जयपुर जैसे जिले नागौर से कहीं आगे हैं, लेकिन विज्ञान वर्ग के परिणाम में नागौर इन सब जिलों को पछाड़ते हुए प्रदेश में सिरमोर रहा है। गौरतलब है कि नागौर जिला पिछले चार-पांच वर्षों से बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम में टॉप थ्री में रहता है।
बारहवीं विज्ञान वर्ग की बोर्ड परीक्षा में नागौर जिले के 14 हजार 911 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 14 हजार 738 ने परीक्षा दी। इनमें से 13 हजार 452 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें 10 हजार 363 विद्यार्थी ऐसे हैं जो प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण हुए हैं।
विज्ञान वर्ग की बोर्ड परीक्षा में 10 हजार 654 छात्र एवं 4 हजार 84 छात्राएं बैठी थीं। छात्रों में 9600 उत्तीर्ण हुए, जबकि छात्राओं में 3852 उत्तीर्ण हुईं। इस प्रकार उत्तीर्ण होने वाले छात्रों का औसत 90.11 प्रतिशत रहा, जबकि छात्राओं का 94.32 प्रतिशत रहा।
वाणिज्य वर्ग में नागौर जिले का परिणाम इस बार आशा के अनुरूप नहीं रहा। हालांकि नागौर का औसत परिणाम 90.94 प्रतिशत रहा है, जो विज्ञान से नाम मात्र ही कम है, लेकिन अन्य जिलों से तुलना की जाए तो नागौर का स्थान टॉप टेन में भी नहीं है। वाणिज्य वर्ग की बोर्ड परीक्षा में जिले में कुल 1366 विद्यार्थी पंजीकृत हुए, जिनमें से 1346 ने परीक्षा दी और 1224 उत्तीर्ण हुए। इसमें प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 668 है, जबकि द्वितीय श्रेणी वालों की संख्या 496 है। यहां भी छात्रों की तुलना में छात्राओं का परिणाम अच्छा रहा है। छात्रों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत जहां 88.56 प्रतिशत है, वहीं छात्राओं का 97.07 प्रतिशत रहा है। वाणिज्य वर्ग में प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहने वाले जिले सवाई माधोपुर में परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों की संख्या (423) नागौर से आधा भी नहीं है। इसी प्रकार द्वितीय स्थान पर रहे श्रीगंगानगर में परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थी की संख्या (791) भी नागौर से लगभग आधी है।