विधायक ने गत 22 अक्टूबर को परिवादी अनिल ओझा व सीताराम जाट द्वारा कोतवाली थानाधिकारी के खिलाफ दर्ज परिवाद का जिक्र करते हुए कहा कि थानाधिकारी ने एक मां और बेटे के साथ मारपीट की और जबरन 151 के मामले में थाने में बंद कर दिया, लेकिन आज तक परिवादों पर कार्रवाई नहीं हुई। साथ ही कोतवाल के खिलाफ नोखा थाने में रहते हुए उच्च न्यायालय द्वारा नॉन फील्ड करने के आदेश व नकली घी की फैक्ट्री का संचालन जैसे मामले का जिक्र भी किया।
अध्यक्षीय निर्देशों के बाद प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मामले में 2 बार जांच बदली गई और अभी जांच प्रक्रियाधीन है। उसके बाद बेनीवाल सदन में थानाधिकारी खिलाफ कार्रवाई को लेकर अड़ गए, जिस पर धारीवाल ने उन्हें कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया।
विधायक ने रालोपा से विधायक पुखराज गर्ग द्वारा लगाए गए सवाल के पूरक सवाल में बढ़ते स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण की मांग की और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ पर उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाया तो सदन में हंगामा हो गया। वहीं चिकित्सा मंत्री ने पूर्ववती सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस बार ऐसा नहीं होगा।
बेनीवाल द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में वर्ष 2016 में हुई जीएनएम भर्ती परीक्षा का परिणाम शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर लगाए गए सवाल के लिखित जवाब में चिकित्सा मंत्री ने बताया कि पूर्व में उच्च न्यायालय में चल रहे मामले के कारण परिणाम घोषित करने में देरी हुई, लेकिन अब स्थगन का निस्तारण हो गया है और शीघ्रता से परिणाम जारी कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि इस भर्ती से विभाग को 4 करोड़ 57 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई थी।