नगर परिषद कार्यालय का विस्तार करने के बैठक दामोदरदास हॉल को भी बड़ा किया जाएगा। आयुक्त ने बैठक में बताया कि कार्यालय भवन व बैठक हॉल के बीच ऊपर का निर्माण कार्य करवाया जाएगा, ताकि हॉल को बड़ा किया जा सके और कार्यालय से हॉल की तरफ जाने के लिए नीचे नहीं उतरना पड़े, इसके लिए दोनों को आपस में जोड़ा जाएगा। इसके साथ परिषद में नकारा पड़े सामान की नीलामी करने का भी निर्णय लिया गया।
नगर परिषद द्वारा हाई मास्ट, मिनी हाई मास्ट व एलईडी लाइट खरीदने व शहर में आवश्यकता अनुसार लाइटें लगाने के एजेण्डे का भी पार्षदों ने बहुमत से अनुमोदन किया। पार्षदों ने कहा कि लाइट उनकी अनुशंसा पर लगाई जाए, जिस पर आयुक्त ने कहा कि हाई मास्ट व मिनी हाई मास्ट के लिए भी पार्षद अपने प्रस्ताव दे सकते हैं। लाइट लगाने के लिए पार्षद की अनुशंसा ली जाएगी।
शहर के व्यास कॉलोनी के पास जिला कलक्टर द्वारा पत्रकार कॉलोनी के लिए आवंटित जमीन पर पत्रकारों को भूखण्ड आवंटित करने के प्रस्ताव आयुक्त चौधरी ने रखा, जिस पर पार्षद बोथरा ने समर्थन किया तो लगभग सभी पार्षदों ने अनुमोदन किया। आयुक्त ने बताया कि सभी पात्र पत्रकारों ने भूखण्डों की डीएलसी दर पर राशि जमा करवा दी है, अब कब्जे सौंपने हैं।
फायरमैन ज्ञानसिंह व सरल कुमार जोशी की पदोन्नति को लेकर बुधवार को बैठक में खूब हंगामा हुआ। सरल कुमार ने सभापति के समक्ष आवेदन पेश किया, जिस पर दो-तिहाई सदस्यों के हस्ताक्षर थे। आयुक्त ने इस मुद्दे को बैठक में रखा, जिस पर पार्षद राजलक्ष्मी आचार्य ने कहा कि फायरमैन सरलकुमार ज्ञानसिंह से वरिष्ठ है, इसके बावजूद गलत तरीके से ज्ञानसिंह को वरिष्ठ माना गया है। आचार्य ने वरियता के आधार पर पदोन्नति देने की बात कही। इस पर पार्षद शोभाकंवर ने विरोध करते हुए कहा कि ज्ञानसिंह की वरिष्ठता सही है। इसी मुद्दे पर बैठक में हंगामा होने लगा तो पार्षद नवरतनमल बोथरा ने कहा कि ज्ञानसिंह की नियुक्ति गलत तरीके से सीनियर नहीं होते हुए भी की गई है, जो सरासर गलत है। सरलकुमार की आपत्ति बोर्ड में स्वीकार की जाए और कानून सम्मत निर्णय लिया जाए। इस पर पार्षद गोविन्द कड़वा ने 15 सितम्बर 2005 को नगर पालिका नागौर बोर्ड द्वारा निकाले गए आदेश संख्या 1426 को पढकऱ सुनाया, जिसमें उन्होंने बताया कि वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या एक पर भूरसिंह, दो पर सरलकुमार व 3 पर ज्ञानसिंह का नाम था। ऐसे में सरलकुमार वरिष्ठ है। ऐसे में इस आदेश को नहीं मानने का कोई कारण नहीं है, फिर भी कोई आपत्ति दर्ज कराता है तो उनकी आपत्ति निर्णय में दर्ज कर डीएलबी भेजी जाए। इस पर पार्षद बोथरा ने कहा कि दोनों के पक्ष में सदन से मतदान करवा लिया जाए। इस पर अधिकतर पार्षदों ने पार्षद कड़वा द्वारा पढ़े गए बोर्ड के निर्णय का समर्थन किया, लेकिन पार्षद शोभा कंवर ने कहा कि जो पक्ष में हैं, वे खड़े होकर अपना नाम बताएं, इस पर पक्ष वाले पार्षदों ने एक-एक कर खड़े होहर समर्थन दिया। कुछ पार्षद मौन धारण किए बैठे रहे।
पार्षद कड़वा ने पूर्व में चली कार्रवाई का हवाला देते हुए बताया कि सरलकुमार ने पूर्व में बोर्ड के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी, जिस पर 14 मार्च 2019 को जारी कार्यालय आदेश में कहा कि पदोन्नति निर्णय प्रकरण को आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा तथा तब तक पूर्व में जारी पदोन्नति आदेश का स्थगित किया गया। उसके बाद 14 मार्च 2019 के स्थगन आदेश को बिना बोर्ड बैठक में लिए 28 अक्टूबर 2020 को वापस बिना सुने ज्ञानसिंह को गलत तरीके से टिण्डल से एडीएचओसी पद पर पदोन्नत किया है, जिस पर आज बोर्ड ने प्रस्ताव में वापस रखा है। इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत के साथ पारित किया गया।
नगर परिषद परिसर में ई-मित्र कियोस्क संचालित करने के प्रस्ताव पर पार्षद ओमप्रकाश सांखला व मुजाहिद ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब पहले ही ढाबा लगा दिया, अब क्या प्रस्ताव ले रहे हैं। इसके बाद नगर परिषद भवन में एक कमरा उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा व बहस हुई। आखिर में बहुमत से प्रस्ताव पारित कर लिया गया। बैठक में उपसभाति सदाकत अली, पार्षद भजनसिंह, असगर अली, विशाल शर्मा, ललित लोमरोड़, अजय चांगरा आदि पार्षदों ने सक्रियता दिखाई।
आमतौर पर महिला पार्षदों के साथ उपस्थित रहने वाले परिजनों को इस बार बैठक हॉल से बाहर बैठना पड़ा। बैठक की शुरुआत में ही आयुक्त चौधरी ने पार्षदों के अतिरिक्त लोगों को बाहर जाने के लिए कह दिया। हालांकि कुछ लोग थोड़ी देर बाद वापस आ गए।