इन्होंने दी प्रस्तुतियां….
भजन गायक गोपाल अटल ने जब ‘संसार है इक नदिया, सुख दुख दो किनारे हैंÓ तथा ‘चांद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा थाÓ सुनाई तो श्रोता गदगद हो गए। वहीं जैन समाज के गायक श्रेयांस सिंघवी ने ‘झिल-मिल सितारों का आंगन होगा, रिम-झिम बरसता सावन होगाÓ की प्रस्तुत से आनंदित कर दिया। युवा गायक मुन्ना सोनी ने ‘सांवरिया अरज मीरां री सुण रेÓ, ‘एक मेरा दौर है ये कोई नहीं किसी काÓ सहित एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत शिक्षक एल.के. झा ‘मंगल भवन अमंगल हारीÓ से वातावरण भक्तिमय कर दिया। वहीं युसूफ बक्षी ने गज़लों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में महेश पारीक तथा नरेन्द्र पारीक ने प्रस्तुतियां दी। युवा गज़ल गायक देवेन्द्र त्रिवेदी ने आरम्भ में गणेश वंदना की। इस मौके पर तबले पर प्रभुदयाल जांगीड़, अजय व्यास, कुमरकांत झा ने संगत की।