मौसम विभाग द्वारा मंगलवार दोपहर 2 बजे जारी की गई चेतावनी के अनुसार चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ का केन्द्र गुजरात के अमरोली जिले के आसपास बताया गया। मंगलवार को दिनभर बादल छाए रहे और तेज हवा के साथ बूंदाबांदी से मौसम में ठंडक घुली रही। तूफान की आहट मात्र से मंगलवार को नागौर का अधिकतम तापमान 10 डिग्री गिरकर 31 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री पर आ गया।
गौरतलब है कि जिले में सोमवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री तथा न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को जिले में कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है, क्योंकि बुधवार सुबह तौकते प्रदेश में प्रवेश करेगा। हालांकि इसके कमजोर होकर डिप्रेशन के रूप में प्रवेश करने की संभावना है, लेकिन फिर भी नागौर, पाली व अजमेर जिले में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है।
चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ को लेकर मौसम विभाग जयपुर ने मंगलवार को लगातार चौथे दिन चेतावनी जारी कर आमजन को अलर्ट किया है। जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार 19 मई को अजमेर, जोधपुर, कोटा, जयपुर व भरतपुर संभाग के कुछ जिलों में मेघगर्जन के साथ (तेज हवाएं 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा) कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं 20 मई को भरतपुर संभाग में एक-दो स्थानों को छोडकऱ शेष भागों में मौसम मुख्यत: शुष्क रहने की संभावना है।
रियां बड़ी में 8 एमएम बारिश
जिले में चक्रवाती तूफान तौकते की आहट से मंगलवार को रियांबड़ी उपखंड में सबसे अधिक 8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं परबतसर में 4 एमएम, नावां में 6 एमएम व कुचामन में 4 एमएम बारिश हुई। जिले के शेष तहसील क्षेत्रों में बूंदाबांदी ही हुई।
अंधड़ से दृश्यता होगी कम, वाहन चालक सावधानी बरतें
– भारी बाररश से निचले इलाकों में जल भराव हो सकता है। आगामी मौसम के मद्देनजर किसानों को यह सलाह दी जाती है कि खुले आसमान अथवा खलिहान में पड़े अनाज को सुरक्षित स्थान पर भंडारण करें।
– कृषि मंडियों में खुले आसमान में रखे हुए अनाज को ढंककर व सुरक्षित स्थान पर रखें ताकि उन्हें भीगने से बचाया जा सके।
– खेतों में लगे सोलर सिस्टम को भी अचानक तेज हवाओं से नुकसान हो सकता है, अत: सुरक्षित स्थान पर रखें।
– यदि अपने आसपास मेघगर्जना की आवाज सुनाई दे या बिजली चमकती हुई दिखाई दे तो पेड़ के नीचे शरण ना लें।
– तेज अंधड़ के समय बड़े पेड़ों के नीचे व कच्चे मकानों में शरण लेने से बचें।
– तेज अंधड़ से बिजली के तारों के टूटने एवं खंभों के गिरने से क्षति होने की संभावना है।
– अंधड़ के समय दृश्यता कम होने से यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, इसलिए वाहन चालक विशेष सावधानी बरतें।