विशेष टीम द्वारा घटनास्थल पर और वारदात के बाद शातिर नकबजनों के भागने के रास्तों, टोल प्लाजा, पेट्रोल पम्प आदि स्थानों के सैकड़ो सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए गए। उन सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन एवं अध्ययन करते हुए वारदात के सम्बन्ध में अज्ञात आरोपियों के तरीके को चिह्नित किया तो पुलिस को इस तरह की वारदातें करने वाली बावरिया गैंग पर शक हुआ। इस पर विशेष टीम ने जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, नरैना, फुलेरा, सांभर, दूदू, मारोठ, नावां आदि स्थानों पर संभावित आरोपियों के ठिकानों पर लगातार दबिशें दी तो उक्त गैंग के सदस्य अपनी सकुनत (निवास स्थान) से गायब मिले। जिस पर बावरिया गैंग पर वारदात करने की शंका और गहरा गई। इसके बाद पुलिस टीम ने संदिग्ध बावरिया गैंग के मोबाइल नम्बर प्राप्त कर तकनीकि सहायता से घटना में शामिल संदिग्ध बावरिया गैंग के सदस्यों को नामजद किया गया।
सात दिन की मेहनत के बाद पुलिस ने 23 जनवरी को विश्वसनीय सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए नरैना में पूर्व से कैम्प किए हुए विशेष टीम की सहायता से दो आरोपियों को धर दबोचा। इसमें एक जयपुर के नरैना क्षेत्र के सिरोही खुर्द निवासी राजू उर्फ प्याला (19) पुत्र कालूराम बावरिया व दूसरा सीकर जिले के बिलाणा निवासी हाल सुसराल फुलेरा में रहने वाले शेरू उर्फ सुरेश पुत्र झाबरमल बावरिया है। पुलिस ने दोनों को दस्तयाब कर कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने अपने तीन अन्य गैंग के साथियों के साथ मिलकर मौलासर कस्बे में ज्वैलरी के शोरूम में नकबजनी की वारदात करना स्वीकार कर लिया, जिस पर दोनों को 23 जनवरी को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी राजू उर्फ प्याला व शेरू उर्फ सुरेश की निशानदेही से ज्वैलरी शोरूम से चोरी किए गए सोने-चांदी के गहने, जिसमे चांदी के 8 किलो 295 ग्राम आभूषण व सोने के 51 ग्राम आभूषण बरामद कर लिए। दोनों आरोपियों की निशानदेही से घटना में प्रयुक्त कार को जब्त किया गया है। शेष फरार आरोपीयो की तलाश जारी है।