आरोप है कि अस्पताल में प्रसूता की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। ऐसे में चिकित्सकों की लापरवाही प्रसूताओं की सांसे निगल रही है। दस दिन पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। परिजनों व लोगों ने आरोप लगाया है कि डॉ. मिर्धा ने दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती प्रसूता के इलाज में लापरवाही बरती गई। यदि समय पर उपचार मिल जाता तो उसकी जान बच जाती। बार-बार कहने के बावजूद मरीज का समय पर इलाज नहीं करने से उसकी मौत हो गई। मृतका के भाई सुरेश ने बताया कि चिकित्सक के उदासीन रवैये के चलते प्रसूता बहन की जान चली गई। डिलिवरी के समय खून की कमी होने की बात छिपाई गई, जबकि अब चिकित्सक कह रही है कि प्रसूता के खून की कमी थी। अगर ऐसा था तो हम खून की व्यवस्था करते। वहीं लोगों ने कहा कि डॉ. मिर्धा की लापरवाही से मौत का यह गंभीर मामला है। इससे पहले कई केस ऐसे हो चुके हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।