जिला मुख्यालय के जेएलएन अस्पताल में सेवा दे रहे कई डॉक्टरों ने तो सारे हदें लांघ दी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ डॉक्टर सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन करने से पहले घर पर मरीजों के परिजनों से दो से तीन हजार रुपए लेते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को अपनी सेटिंग वाले प्राइवेट अस्पताल में इलाज करने के लिए बुलाते हैं। मरीजों से मोटी रकम लेकर उनका ऑपरेशन भी किया जा रहा है। मरीजों को यहां जानबूझकर सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
10 नवम्बर 2020 को चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशक ने एक आदेश जारी कर बताया कि राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सक प्राईवेट नर्सिग होम/निजी क्लीनिकों में जाकर मरीजों को देखते हैं/ऑपरेशन करते हैं। चिकित्सकों की इस प्रवृति को राज्य सरकार द्वारा गम्भीरता से लिया गया है। इस संबंध में पूर्व में भी अदेश प्रसारित कर स्पष्ट निर्देश दिए गण् थे, लेकिन यह प्रवृति अभी भी जारी है। अत: पुन: राज्य के सभी चिकित्सकों को निर्देशित किया जाता है कि वे किसी भी प्राइवेट क्लीनिक/नर्सिंगहोम/अस्पताल/ पैथोलोजिकल लेबोरेट्री /डायग्नोस्टिक सेंटर आदि में जाकर किसी भी मरीज को नहीं देखेंगे, न ही कोई टेस्ट करेंगे और ना ही किसी प्रकार का ऑपरेशन करेंगे। यदि इस प्रकार की कोई सूचना किसी चिकित्सक के सम्बन्ध में राज्य सरकार/निदेशालय को प्राप्त होती है तो उस चिकित्सक के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। निदेशक ने इसके लिए सभी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस सम्बन्ध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे
नियमानुसार जो चिकित्सक नॉन प्रेक्टिसिंग अलाउन्स नहीं ले रहे हैं, वे अपने आवास पर यदि मरीजों को देखते हैं तो अपनी निर्धारित परामर्श शुल्क ही लेंगे तथा शुल्क की सूचना व दर का प्रदर्शन परामर्श कक्ष में आवश्यक रूप से करेंगे। लेकिन जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों की नाक के नीचे जिला मुख्यालय पर घर पर मरीज देखने वाले अधिकतर सरकारी चिकित्सकों ने तो शुल्क की सूचना चस्पा कर रखी है और न ही शुल्क के बदले रसीद दी जा रही है।
राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सकों का प्राइवेट नर्सिंग होम या निजी क्लीनिकों में जाकर मरीजों को देखना नियम विरुद्ध है। जिले में यदि ऐसा कोई कर रहा है और उसके खिलाफ शिकायत मिली तो निश्चित तौर पर सम्बन्धि चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. मेहराम महिया, सीएमएचओ, नागौर