आप को बता दें कि नागौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के ललिल मोदी काफी समय तक अध्यक्ष रहे। मोदी के देश छोडऩे के बाद नागौर डीसीए फिर चर्चा में आ गया। उधर, सीपी जोशी आरसीए के अध्यक्ष बने तो उन्होंने नागौर के अध्यक्ष को लेकर सवाल खड़े कर दिए। जिसके चलते नागौर एसोसिएशन को चुनाव करवाने पड़े और सरकारी स्कूल के व्याख्याता शिवशंकर व्यास को डीसीए का अध्यक्ष चुना गया। करीब साल भर तक अध्यक्ष रहने के बावजूद जोशी ने नागौर डीसीए को मान्यता नहीं दी, जिसके चलते पदाधिकारियों को कोर्ट के चक्कर काटने पड़े। इससे परेशान होकर सुनियोजित तरीके से व्यास ने करीब डेढ़ माह पूर्व पद से इस्तीफा दिया। गुरुवार को अचानक चुनाव करवाकर डूडी को अध्यक्ष चुन लिया।
ढाई साल पहले किया था नागौर डीसीए को निलम्बित
प्रदेश करीब में ढाई वर्ष पहले 24 जून2017 को सीसी जोशी की अध्यक्षता वाली आरसीए RCA कार्यकारिणी ने पहली ही बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए नागौर जिला क्रिकेट संघ को निलंबित कर दिया था। मोदी के खास माने जाने वाले राजेन्द्र नांदू को भी आरसीए के सचिव पद से हटा दिया था। उस समय आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे। आरसीए की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी की पहली ही बैठक में नागौर डीसीए को निलम्बित कर यिा। यह कदम आरसीए का निलंबन खत्म करने के लिए उठाया गया था।
गौरतलब है कि राजस्थान क्रिकेट संघ ने बीसीसीआई को निलंबन बहाल करने के लिए पत्र लिखा था। बीसीसीआई ने 20 जून 2017 को अपने जवाब में ललित मोदी को पद से हटाने के बाद ही इसे स्वीकार करने को कहा था, जिसको लेकर आरसीए कार्यकारिणी ने नागौर डीसीए के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की।
प्रदेश करीब में ढाई वर्ष पहले 24 जून2017 को सीसी जोशी की अध्यक्षता वाली आरसीए RCA कार्यकारिणी ने पहली ही बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए नागौर जिला क्रिकेट संघ को निलंबित कर दिया था। मोदी के खास माने जाने वाले राजेन्द्र नांदू को भी आरसीए के सचिव पद से हटा दिया था। उस समय आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे। आरसीए की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी की पहली ही बैठक में नागौर डीसीए को निलम्बित कर यिा। यह कदम आरसीए का निलंबन खत्म करने के लिए उठाया गया था।
गौरतलब है कि राजस्थान क्रिकेट संघ ने बीसीसीआई को निलंबन बहाल करने के लिए पत्र लिखा था। बीसीसीआई ने 20 जून 2017 को अपने जवाब में ललित मोदी को पद से हटाने के बाद ही इसे स्वीकार करने को कहा था, जिसको लेकर आरसीए कार्यकारिणी ने नागौर डीसीए के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की।