झांकियों ने दिया सामाजिक समरसता एवं सांस्कृतिक एकता का संदेश इस बार शोभायात्रा में झांकियों की संख्या अधिक रही। विभिन्न सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों के साथ विद्यालयों एवं बस्ती-समाज के अनुसार झांकियों का प्रदर्शन किया गया। इन झांकियां में सबसे ज्यादा संख्या राम दरबार से जुड़ी झांकियों की रही। इसके साथ ही राम-सीता, गुरुकुल, राम- हनुमान, रामेश्वर स्थापना, राम जन्मोत्सव से संबंधित झांकियां शामिल हुईं। इसके साथ किसी ने शिवजी का रूप धारण किया तो किसी ने हनुमानजी का, कोई झांसी की रानी बनी तो कोई महालक्ष्मी। शोभायात्रा में देवी देवता व महापुरुषों की झांकियों ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। झांकियों के साथ-साथ विद्यार्थियों, मातृशक्ति व शहरवासियों ने एक जहां एक ओर अपनी भागीदारी निभाई, वहीं जगह-जगह मार्गों एवं चौराहों पर सजावट व पेयजल व्यवस्था की तथा पुष्प वर्षा के माध्यम से शोभायात्रा में स्वागत किया।
अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद श्री रामनवमी की पहली शोभायात्रा शहर ही नहीं आसपास के गांवों से पहुंचे राम भक्तों ने परंपरागत वेशभूषा धारण करके तथा विभिन्न भजन मंडलियों के साथ शोभायात्रा को सफल बनाया। शहर के 44 से अधिक विद्यालयों ने झांकियों के माध्यम से सहभागिता निभाई। शोभायात्रा में संपूर्ण हिन्दू सनातन समाज की समरसता, सद्भाव व संस्कृति का सुंदर समन्वय दिखा।
शोभायात्रा में यह रहे मुख्य आकर्षण शोभायात्रा में सर्वप्रथम गजारुढ श्री रामचंद्र जी की झांकी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। वहीं उज्जैन के प्रसिद्ध ढोल-ताशा कलाकार भी विभिन्न वाद्य वादन के माध्यम से शोभायात्रा में चार चांद लगा रहे थे। इस दौरान पंजाब का प्रसिद्ध बैंड, बालोतरा का गेर नृत्य, महाबली हनुमान के प्रतीकात्मक रूप में भी कलाकार अपनी कलाओं का प्रदर्शन कर दिखे। शोभायात्रा में खत्रीपुरा के निवासियों की ओर से विभिन्न महापुरुषों व सांस्कृतिक भावों से ओत-प्रोत 10 झांकियां प्रस्तुत की गई।
महाआरती से हुआ समापन शोभायात्रा का जलेश्वर महादेव के प्रांगण में महाआरती के साथ समापन किया गया। इस दौरान संघ के विभाग संघ चालक डॉ. केआर गौड़, जिला संचालक मुकेश भाटी, नगर संघ चालक मांगीलाल बंसल, रामपोल के रामनामी महंत मुरलीराम, सागर बापू, संत जानकीदास, योगी स्वरूपनाथ, संत कानाराम, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत, रामनवमी महोत्सव समिति के अध्यक्ष सूरजमल भाटी सहित अनेक संत-महात्माओं ने भगवान रामलला की संजीव झांकी की महाआरती की।
खूब हुई आतिशबाजी शोभायात्रा के दौरान रेलवे स्टेशन चौराहा के पास करीब दो घंटे तक आतिशबाजी की गई। इसी प्रकार समापन स्थल बख्तासागर जलेश्वर महादेव पार्क में भी जमकर आतिशबाजी की गई। शोभायात्रा का समापन होते-होते राते हो गई, ऐसे में आतिशबाजी का नजारा देखने लायक था।
दिखा साम्प्रदायिक सौहाद्र्र रामनवमी शोभायात्रा के दौरान शहर में साम्प्रदायिक सौहाद्र्र की मिसाल देखने को मिली। शहर के दिल्ली दरवाजा रोड स्थित बड़े पीर साहब की दरगाह के बुलंद दरवाजे से शोभायात्रा पर फूल बरसाकर राम भक्तों का स्वागत किया गया। इस दौरान दरगाह बड़े पीर साहब सज्जादा नशीन सैय्यद सदाकत अली जीलानी ने भी पुष्प वर्षा की।
इनकी रही सहभागिता शोभायात्रा में शाहपुरा रामद्वारा के भागीरथराम शास्त्री, मांझवास धुणे के संत योगी स्वरूपनाथ, किसान आयोग के अध्यक्ष सीआर चौधरी, पूर्व विधायक मोहनराम चौधरी, भाजपा नेता जगवीर छाबा, एमडीएच के निदेशक सुरेश राठी, भोजराज सारस्वत, रामेश्वर सारस्वत, हरिराम धारणिया के साथ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित सभी हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी, संत-महात्मा एवं राम भक्त शामिल हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ स्थल पर महंत जानकीदास ने राम भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीराम के जीवन पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने शत प्रतिशत मतदान करके देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने का आह्वान किया।