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नागौर

रास्ता खोलो अभियान में खुल रही खेत-ढाणी की राह, खिल उठे धरतीपुत्रों के चेहरे

नागौर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की निराली पहल, गांवों में चल रहा रास्ता खोलो अभियानजिले में अब तक हुए आठ चरणों में 270 प्रकरण निस्तारित, नवां चरण आज, प्रशासन ने पुलिस जाप्ते के बीच ग्रामीणों के सहयोग से खुलवाए अवरूद्ध रास्ते

नागौरSep 24, 2020 / 08:07 pm

shyam choudhary

Rasta kholo campaign in Nagaur

Rasta kholo campaign in Nagaur

नागौर. भारत की खुशहाली का रास्ता खेतों से होकर गुजरता है और किसान को उसके खेत में जाने के लिए आसान राह मिल जाए तो इससे बेहत्तर और क्या हो सकता है। नागौर में इस संकल्पना को साकार करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की ओर से शुरू किया गया ‘रास्ता खोलो अभियान’ महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। अब अभियान का 9वां चरण शुक्रवार को आयोजित होगा, जिसे लेकर उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों तथा उनकी राजस्व टीम ने तैयारी कर ली है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अषोक गहलोत भी किसानों को खेतों तक जाने के लिए सुगम मार्ग मुहैया करवाने पर जोर देते रहे हैं, उनकी मंशा नागौर जिले के 200 से अधिक गांवों में फलीभूत हो चुकी है। जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने नागौर जिले के किसानों के लिए पहले करते हुए वर्षों से लंबित पड़े रास्ते संबंधी प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए गत 31 जुलाई को रास्ता खोलो अभियान की शुरुआत की, जिसके आठ चरण पूर्ण हो चुके हैं। इस अभियान के तहत अब तक रास्ते संबंधी 270 प्रकरणों का प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। इसके लिए संबंधित उपखण्ड प्रशासन से लेकर गांव स्तर पर नियुक्त पटवारी व ग्रामसेवक तक लगे हुए हैं। इस अभियान के तहत हर सप्ताह का शुक्रवार का दिन नियत किया हुआ है।
रास्ता खोलो अभियान के दौरान नागौर जिले में कई जगहों पर पांच से लेकर बीस साल पुराने विवादों का ग्रामीणों से समझाइश कर निस्तारण किया गया है। कहीं पर दौ सो मीटर तो कहीं पर तीन किलोमीटर से भी अधिक लंबे रास्तों को खुलवाकर किसान परिवारों को लाभ पहुंचाया गया है। रास्ता खोलो अभियान में पुलिस प्रशासन भी हर जगह सहयोग कर रहा है।
अभियान को सफल बनाने के लिए अब ग्रामीणों का कारवां भी जुडऩे लगा है। ग्रामीण स्वत: स्फूर्त आगे आकर रास्ते संबंधी प्रकरणों का निस्तारण करवाने में प्रशासन व पुलिस का साथ दे रहे हैं।
लगवा रहे बिटिया गौरव पट्टिकाएं
राज्य सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को गांव-ढाणी तक साकार रूप प्रदान करने के लिए नागौर के जिला कलक्टर सोनी ने रास्ता खोलो अभियान के साथ ही नवाचार करते हुए बिटिया गौरव पट्टिकाएं लगवाने काम भी किया है। अभियान के तहत खुलवाए गए रास्तों पर बिटिया गौरव पट्टिका लगाई गई है, वहां हर साल गांव में अच्छा कार्य करने वाली और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली मेधावी बेटियों के नाम बदलकर लिखे जाएंगे ताकि हर बेटी गौरवान्वित महसूस कर सके और प्रेरणा ले। इस साल की मेधावी बेटियों के नाम इन बिटियां गौरव पट्टिकाओं पर अंकित किए गए हैं।
जानिए, कहां कितने प्रकरण निस्तारित
अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार ने बताया कि रास्ता खोलो अभियान के के तहत अब तक आठ चरण पूर्ण हो चुके है। उन्होंने बताया कि जिल में अब तक नागौर उपखण्ड क्षेत्र में 40, खींवसर 18, जायल 21, लाडनूं 20, डीडवाना 26, कुचामन 18, नावां 23, परबतसर 21, मकराना 25, डेगाना 19, रियांबड़ी 20 तथा मेड़ता उपखण्ड क्षेत्र में रास्ते संबंधी 19 प्रकरणों का निस्तारण किया गया रास्ता खोलो अभियान के तहत जिले में जहां रास्ता संबंधी विवाद निस्तारण की कार्रवाई हुई।
50 साल पुराना विवाद निपटाया
नागौर तहसील के ग्राम सालवा में रास्ता खोलो अभियान के तहत पचास साल से बंद दो रास्तों को खुलवाया गया है। उपखण्ड अधिकारी अमित चौधरी तथा तहसीलदार मनोहरसिंह व उनकी टीम ने पुलिस जाप्ता और ग्रामीणों से समझाइश के बाद मिले सहयोग से इन दोनों रास्तों को खुलवाया, जिससे दर्जनों किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। वहीं जायल तहसील के रामपुरा-ए गांव में बीस साल से चल रहा रास्ते संबंधी विवाद उपखण्ड अधिकारी रविन्द्र कुमार व उनकी टीम ने रास्ता खोलो अभियान के तहत सुलझाया गया। उक्त रास्ते के खुलने से करीब सौ किसान लाभान्वित हुए हैं।
33 साल से बंद 3.6 किलोमीटर लंबा रास्ता खुलवाया
रास्ता खोलो अभियान के तहत मूण्डवा तहसील के ग्राम कड़लू में 33 साल से अवरूद्ध रास्ता खुलवाया। कड़लू से झुझण्डा गांव की सीमा को मिलाने वाले इस 3.6 किलोमीटर लंबे रास्ते को खुलवाने के लिए प्रशासनिक टीम छह माह से प्रयासरत थी, जिसकी क्रियान्विति रास्ता खोलो अभियान के तहत हुई। नायब तहसीलदार भंवरलाल सैन तथा उनकी टीम ने ग्राम पंचायत सरपंच लालाराम तथा ग्रामीणों के सहयोग से यह रास्ता खुलवाया। इस कटाणी रास्ते के खुलने से सौ से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हुए। इसी प्रकार डेगाना तहसील के राजलोता गांव से नाथों की ढाणी को जोडऩे वाला एक किलोमीटर लंबा रास्ता लंबे समय से अवरूद्ध था। तहसीलदार रामनिवास बाना और उनकी टीम ने इस रास्ते को लेकर विवाद कर रहे ग्रामीणों से समझाइश की और मामले का निस्तारण किया गया। उक्त रास्ते पर बिटिया गौरव पट्टिका भी लगाई गई।

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