जिला शिक्षाधिकारियों कहा कि इसमें भी अपेक्षा से कम प्रगति होने से स्पष्ट है कि सही तरीके से काम नहीं किया जा रहा है। अब तक तो सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का निकटवर्ती स्कूलों में समन्वय हो जाना चाहिए था। वीडियोकॉन्फ्रेसिंग में विभाग के प्रमुख सचिव ने कि कहा कि जिला व संभाग स्तर के अधिकारी दौरे तो कम करते हैं, और कार्यालयों में बैठकर ही सभी रिपोर्टों का आंकलन कर लिया जाता है यह स्थिति बेहद अफसोच जनक है। विभाग की ओर से वेतन एवं स्कूलों के संसाधन में ही करोड़ों की राशि का प्रतिमाह व्यय होने के बाद भी स्थिति संतोषजनक नहीं होना उनकी कार्यशैली को दर्शाता है। एसआईक्यूई प्रतिपुष्टि पर और भी तेजी से काम करने के निर्देश दिए। आईसीटीसी लैब संचालन के विषय पर अधिकारियों ने कहा कि अब तक सभी विद्यालयों में इसके स्थापन के साथ ही डिजिटल कक्षाएं शुरू होनी चाहिए थी, लेकिन अभी कई विद्यालयों में यह लैब स्थापित नहीं हो सकी है। आदर्श विद्यालयों के ग्रेडिंग की स्थिति में तेजी से सुधार लाने के निर्देश दिए। शिक्षाधिकारियों से अब तक इस संबंध में उनकी ओर से किए गए प्रयासों एवं विद्यालयों के विद्यार्थियों की संख्या और शैक्षिक गुणवत्ता के बारे में सुधार के निर्देश दिए।