प्रश्न 1 : क्या यह सही है कि अजमेर से नागौर तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्याा 89 का कार्य वर्तमान में भी अपूर्ण है? यदि हां, तो क्यों व किन कारणों से लम्बित है? भौतिक प्रगति का विवरण सदन की मेज पर रखें।
उत्तर- जी हां, अजमेर-नागौर लम्बाई 148.25 कि.मी. का निर्माण कार्य बीओटी पेटर्न पर मैसर्स जी.वी.आर. अजमेर-नागौर टोल-वे प्रा.लि. को दिया गया था। जिसकी प्राजेक्ट लागत रुपए 377.15 करोड़ थी, इस कार्य को प्रारम्भ करने की तिथि 3 अगस्त 2013 एवं कार्य पूर्ण करने की तिथि 2 फरवरी 2015 थी। रियायतग्राही द्वारा 75 प्रतिशत लम्बाई में कार्य पूर्ण करने पर टोल प्रारम्भ करने का आदेश जारी किया गया। रियायतग्राही द्वारा शेष कार्य पूरा न करने के कारण वन टाइम सेटलमेन्ट कर करार निरस्त किया गया एवं शेष कार्य को पुन: ईपीसी मोड पर 20 अगस्त 2020 को मैसर्स बालाजी दयालपुरा इन्फा. प्रा.लि., अजमेर से करारबद्ध किया गया, जिसके कार्य पूर्ण करने की तिथि 19 अगस्त 2022 है।
वर्तमान में अजमेर से पुष्कर बायपास, रेण बायपास, इनाणा बायपास एवं भडाना व मूण्डवा री-एलाइनमेन्ट का कार्य प्रगतिरत है।
उत्तर – जी नहीं, भारत सरकार द्वारा किसी अधिकारी की जिम्मदारी तय नहीं की गई है। पूर्व करार के प्रावधान अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए करार समाप्त किया गया एवं शेष कार्य का पुन: करार कर कार्य प्रगतिरत है।
उत्तर – जी नहीं। उक्त सडक़ पर लोक अदालत मेड़ता द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने के दिशा-निर्देश नहीं थे।
प्रकरण संख्या 19/2016 स्थाई लोक अदालत में लम्बित है। लोक अदालत मेड़ता द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट जिला कलक्टर नागौर द्वारा अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत को भिजवा दी गई है।
एनएच-89 पर अजमेर से नागौर के बीच 148.25 किलोमीटर में मुख्य काम बायपास निर्माण, रेण में आरओबी एवं बाड़ी घाटी से अजमेर-जयपुर बायपास तक 22 किमी सडक़ निर्माण करना था, ताकि कस्बों एवं घाटी में लगने वाले समय को एवं दुर्घटनाओं को कम किया सके। लेकिन कम्पनी ने इनाणा, मूण्डवा, भडाणा के बायपास अधूरे छोड़ दिए और रेण का आरओबी भी नहीं बनाया। बाड़ी घाटी का काम भी नहीं किया। कम्पनी ने वाहन चालकों की सुरक्षा को भी पूरी तरह दरकिनार किया है। न तो क्रॉसिंग पर जंक्शन बनाए और न ही बसों एवं ट्रकों के लिए रुकने की व्यवस्था की।
मेड़ता की स्थाई लोक अदालत में दायर किए गए परिवार पर आज छह साल बाद भी सुनवाई चल रही है। निर्माण कार्य पूरा नहीं करने व अवैध टोल वसूलने को लेकर शुक्रवार को ही पेशी हुई, जिसमें अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अजमेर साइड में अधूरे निर्माण को लेकर अब जिला कलक्टर अजमेर को भी पार्टी बनाया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 89 के अजमेर-नागौर सेक्शन में टोल वसूली पूरी तरह अवैध हो रही है। छह साल पहले कम्पनी द्वारा 75 प्रतिशत काम पूरा बताकर टोल शुरू किया गया, लेकिन उसमें यह भी शर्त थी कि शेष कार्य तीन महीने में पूरा करना होगा, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इसको लेकर मैंने स्थाई लोक अदालत में परिवाद भी दायर कर रखा है और इस मामले में सडक़ों को दुरस्त करने का आदेश भी हो गया है, लेकिन अधिकारी उसका पालन नहीं कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों ने विधानसभा को भी गुमराह किया है, इसलिए मैं तो विधायक से भी अनुरोध करता हूं कि वे विधानसभा की अवमानना का केस दर्ज करवाएं।
– डॉ. अशोक चौधरी, संयोजक, अभिनव राजस्थान