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नागौर

Rajasthan News: गांवों में लग रहे सौलर प्लांट, किसानों के होंगे वारे न्यारे

निगम के केन्द्रीय बोर्ड एवं विशेषज्ञों की ओर से पूरे देश में खींवसर को सौर ऊर्जा के लिए उपयुक्त मानने के बाद किसानों में अपने खेतों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का जुनून सवार हो गया।

नागौरJan 05, 2024 / 03:30 pm

Santosh Trivedi

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खींवसर। निगम के केन्द्रीय बोर्ड एवं विशेषज्ञों की ओर से पूरे देश में खींवसर को सौर ऊर्जा के लिए उपयुक्त मानने के बाद किसानों में अपने खेतों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का जुनून सवार हो गया। कभी सालभर खाने का अनाज पैदा नहीं करने वाले खेतों की जमीन पर लग रहे सौर ऊर्जा संयंत्र किसानों के वारे न्यारे कर देंगे। किसान अब अपने खेतों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर बिजली पैदा कर रहे। कल तक दूसरों के भरोसे रहने वाले किसान खुद बिजली उत्पादन करने लगे।
क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों में अब तक दो से पांच मेगावाट के सौलर प्लांट स्थापित हो चुके। इनमें अधिकांश में तो विद्युत उत्पादन शुरू हो गया। इस बिजली का किसान अपने आवश्यकता के पश्चात बचत बिजली राज्य सरकार को बेचेंगे। सरकार किसानों से 3 रुपए 14 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदेगी। ऐसे में किसानों को प्रतिमाह बिना खर्च के लाखों रुपए का मुनाफा होगा। वहीं खींवसर विद्युत के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना का कार्य अगर इसी गति से चला तो आने वाले दिनों में खींवसर उपखण्ड विद्युत क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा। यहां कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा सयंत्र स्थापना के लिए अनेक किसान आगे आ रहे। देश के नामचीन उद्योग घरानों ने भी सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो यहां की बिजली पड़ौसी जिलों को भी दी जाएगी।
योजना के तहत प्रत्येक 33/11 केवीए जीएसएस पर 2 मेगावाट से 5 मेगावाट के संयत्र लगाने की कार्यवाही चल रही। इसके लिए प्रति मेगावाट दो हैक्टर भूमि का चयन किया जा रहा। खींवसर उपखण्ड सिंचित क्षेत्र होने के कारण नलकूप पर कृषि कार्यों के लिए बिजली की काफी आवश्यकता बताई। बिजली की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से किसानों को कृषि कार्यों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। सौर ऊर्जा सयंत्र लगने से किसानों को निर्बाध बिजली मिलेगी जिससे कृषि क्षेत्र में फायदा होगा तथा निगम की आय बढ़ेगी।

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गांव—–किसान—– मेगावाट
ईसरनावड़ा—– ईश्वर पचार—– दो मेगावाट
अखावास—– देवाराम गोदारा—– पांच मेगावाट
पिपलिया—– रामदेव भाम्बु—– एक मेगावाट
कांटिया—– महेन्द्रसिंह सारण—– दो मेगावाट
बैरावास—– कृपाराम—– दो मेगावाट

देश के बड़े उद्योग घरानों की नजरें
खींवसर में पहले से स्थापित रिलाइंस के 5 मेगावट सौर ऊर्जा सयंत्र की उत्पादकता को देखते हुए देश के बड़े उद्योग घरानों की नजर खींवसर पर पहले से ही आ टिकी। वहीं अब प्रत्येक विद्युत जीएसएस पर सौर ऊर्जा सयंत्र लगाने के लिए देश के बड़े उद्योग घराने खींवसर की ओर रुख कर रहे। देश के बड़े उद्यमियों की ओर से सौर ऊर्जा सयंत्र स्थापित करने से खींवसर में बिजली के साथ विकास को भी गति मिलेगी। सर्वे में खींवसर देश में उपयुक्त तत्कालीन निगम के केन्द्रीय बोर्ड के अधिकारियों व विशेषज्ञों की ओर से किए गए सर्वे में सौर ऊर्जा उत्पादकता के लिए राज्य में ही नहीं सम्पूर्ण देश में खींवसर को सबसे उपयुक्त स्थान माना गया।

आत्मनिर्भर बनेगा खींवसर
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से कुसुम योजना के तहत गांवों में किसान अपने खेतों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना कर रहे। अभी तक आधा दर्जन गांवों में किसानों ने सौलर प्लांट लगा लिए। यहां से उत्पादित बिजली 33/11 केवीए जीएसएस पर जाएगी। इसी तरह सौर ऊर्जा संयंत्र का काम चलता रहा तो निकट भविष्य में खींवसर विद्युत क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
जयदीप सिंह भाटी, कनिष्ठ अभियन्ता, खींवसर

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