दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में जयपुर व अलवर जिले के बाद सबसे ज्यादा परीक्षार्थी नागौर जिले के थे। जयपुर में एक लाख 21 हजार 43 परीक्षार्थी थे, वहीं अलवर में 67 हजार 178 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी, जबकि नागौर जिले में 58 हजार 101 परीक्षार्थी थे। नागौर में दसवीं बोर्ड परीक्षा के लिए 59 हजार 248 विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया था, जिनमें से 1147 ने परीक्षा नहीं दी। परीक्षा देने विद्यार्थियों में 33 हजार 2 छात्र एवं 25 हजार 99 छात्राएं थीं।
नागौर जिले में दसवीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले 58 हजार 101 परीक्षार्थियों में से 49 हजार 397 उत्तीर्ण हुए। इसमें 21 हजार 901 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी, 21 हजार 496 द्वितीय श्रेणी, 5 हजार 997 तृतीय श्रेणी तथा 3 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हो पाए। छात्रों का उत्तीर्णांक प्रतिशत 84.35 प्रतिशत रहा, जबकि छात्राओं का प्रतिशत 85.90 प्रतिशत रहा।
दसवीं परीक्षा परिणाम में दक्षिण राजस्थान के जिलों का परिणाम काफी खराब रहा। सीकर, झुंझुनूं व नागौर जिले जहां प्रदेश में टॉप रहे, वहीं प्रतापगढ़ (69.41 प्रतिशत), कोटा (72.63 प्रतिशत) एवं उदयपुर (72.95 प्रतिशत) का परिणाम सबसे कमजोर रहा।
प्रवेशिका के परिणाम में नागौर जिले के विद्यार्थी गत वर्ष की तुलना में काफी पिछड़ गए। गत वर्ष नागौर जहां प्रदेश में टॉप था, वहीं इस बार पांचवें स्थान पर फिसल गया है। प्रवेशिका में 88.30 प्रतिशत के साथ हनुमानगढ़ प्रथम, 84.86 प्रतिशत के साथ टोंक द्वितीय, 74.07 प्रतिशत के साथ चूरू तीसरे एवं 72.96 प्रतिशत के साथ बाड़मेर चौथे स्थान पर रहा। नागौर का परिणाम 72.84 प्रतिशत रहा है। प्रवेशिका में इस बार नागौर जिले में 232 परीक्षार्थी थे, जिनमें से 169 उत्तीर्ण हुए हैं। खास बात यह थी कि प्रवेशिका में 116 छात्र थे और 116 ही छात्राएं थी। हालांकि छात्र 72.41 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए, जबकि छात्राएं 73.28 प्रतिशत उत्तीर्ण हुईं। गत वर्ष प्रवेशिका में नागौर का परिणाम 78.81 प्रतिशत था।