सभी प्रत्याशी रहे कद्दावर इस वार्ड से जीतकर नगर परिषद में सभापति पद तक पहुंचे कृपाराम सोलंकी के निधन के बाद यह सीट रिक्त हुई थी। इस सीट पर अपना परम्परागत कब्जा बरकरार रखने की जुगत में उनके पुत्र प्रवीण ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा। वे अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के सदस्य भी है। यहां भाजपा ने मैदान खाली ही छोड़ा है। वैसे निर्दलीय प्रत्याशी डिम्पल भाजपा में नेता एवं पार्षद रहे रतनलाल सांखला की पुत्री हैं। इसी तरह निर्दलीय प्रत्याशी गुलाम हुसैन भी पार्षद रह चुके हैं।
धोक लगाई तो गले लगाया प्रत्याशी ने जीत की शपथ लेने के बाद रिश्ते में मामा व सभापति मांगीलाल भाटी को धोक लगाई, जिस पर उन्होंने भांजे को गले लगाया। इस दौरान कृषि मंडी व्यापार मंडल अध्यक्ष मूलचंद भाटी, कांग्रेस के राधेश्याम सांगवा, जिला महामंत्री हीरालाल भाटी, पूर्व सरपंच रामसिंह सोलंकी, दिनेश देवड़ा, पार्षद नरेश पुरोहित, जितेंद्र पंवार, शराफत, ओमप्रकाश मेघवाल, बासनी के पूर्व सरपंच शौकत भाई, ताऊसर के मुकेश मेंबर, ब्लॉक अध्यक्ष दिल फराज, महेंद्र पंवार समेत कई लोग मौजूद रहे। प्रत्याशी ने इन सभी का अभिवादन किया गया। इसके बाद जुलूस के रूप में बंशीवाले मंदिर पहुंचे तथा दर्शन-वंदन किया।
ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप, जांच की मांग भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डिम्पल सांखला ने ईवीएम की सुरक्षा में चूक एवं छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि ईवीएम को बिना प्रत्याशियों की जानकारी व उपस्थिति में रखना सुरक्षा में सेंध दर्शाता है। परिणाम जारी करते समय मशीन सही रूप से चालू नहीं हुई। इस दौरान मशीनों में एरर का संकेत आने पर भी चुनाव आयोग को सूचित नहीं किया एवं मीडिया को भी दूर रखा। अप्रत्याशित व चौंकाने वाले परिणाम यह संकेत देते है कि मशीनों के साथ छेड़छाड़ हुई। गणना के दौरान उनके अभिकर्ता ने मशीन में एरर आने पर विरोध किया, लेकिन पीठासीन अधिकारी ने सत्ता के दबाव में आकर परिणाम जारी कर दिया। वीवी पेट मशीन का भी उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने इस प्रकरण कर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी।