गौरतलब है कि प्रदेश में पंचायत समिति सदस्यों व जिला परिषद सदस्यों के चुनाव तय समय पर नहीं हो पाए हैं और न ही अब तक कोई स्थिति स्पष्ट है। इसको लेकर गत दिनों सरकार ने जिला कलक्टर से रिपोर्ट भी मांगी थी। पंचायत राज संस्थाओं में संवैधानिक संकट की स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को प्रशासक लगाया गया है। इसी प्रकार नागौर जिले की डीडवाना पंचायत समिति की 32 ग्राम पंचायतों में, मकराना की 36, खींवसर की 33, मेड़ता की 38, रियां बड़ी की 35, डेगाना की 41, परबतसर की 36 तथा कुचामन की 31 ग्राम पंचायतों चुनाव स्थगित होने से ग्राम विकास अधिकारियों को प्रशासक लगाया गया है।
पंचायत राज संस्थाओं के प्रथम चरण के चुनाव में मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की अधिक संख्या व धीमी गति के चलते आई परेशानी के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने 1200 से अधिक मतदाताओं वाले केन्द्रों पर सहायक मतदान केन्द्र के प्रस्ताव मांगे थे, लेकिन सारी तैयारियों के चलते दूसरे चरण में सहायक मतदान केन्द्र बनाना संभव नहीं हो पाया। अब जिले की जिन पंचायत समितियों में चुनाव निकट भविष्य में होन हैं, उसको लेकर शुक्रवार को जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने जिले के खींवसर, डीडवाना, कुचामन, परबतसर, मेड़ता, रियांबड़ी, डेगाना, मकराना तथा भैरूंदा पंचायत समिति के निर्वाचन रिजिस्ट्रीकरण पदाधिकारियों को मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यदि यदि कहीं मतदान केन्द्र के परिवर्तन की आवश्यकता होने पर उसका प्रस्ताव भिजवाने के लिए कहा है।
जिला कलक्टर ने आदेश जारी कर पंचायत राज संस्थाओं के आम चुनाव 2020 के लिए विभिन्न चुनाव कार्य संपादन करने के लिए प्रभारी अधिकारियों व पंचायत समितियों केरिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालय में लगाए गए अधिकारियों एवं कार्मिकों को तुरंत प्रभाव से मूल पद स्थापन स्थान पर भिजवाने के निर्देश दिए हैं।