ग्रामीण भी कायल
स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक सुखराम तांडी ने बताया सरकारी स्कूलों के हालात अब बदल रहे हैं। सरकार के प्रोत्साहन के बाद सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने की होड़ लगी है। अध्यापक-अभिभावक परिषद की बैठक में सभी अध्यापकों ने सामूहिक निर्णय लिया कि इस विद्यालय में प्राइवेट विद्यालय से भी उच्च परिणाम देने के लिए सदैव प्रयासरत रहते है। प्राईमरी लेवल प्रथम का पद रिक्त होने से पढ़ाई भी बाधित होती थी। इसको लेकर अभिभावकों के समक्ष मांग रखी तो उन्होंने प्राईवेट शिक्षक लगा दिया जिसका वेतन भी अभिभावक उठा रहे है। ग्रामीणों व शिक्षकों की मदद सेे विद्यालय में हमेशा नया नवाचार लाकर नामांकन वृद्धि व उच्च परिणाम देने की कोशिश की जाती है।
स्कूल की खासियत
विद्यालय में हर महीने की अंतिम तारीख को प्रधानाध्यापक द्वारा स्कूल समय पश्चात अध्यापकों की बैठक आयोजित कर हर माह की मासिक समीक्षा की जाती है तथा प्रत्येक छात्र की साप्ताहिक व मासिक प्रगति रिपोर्ट ली जाती है। जिसकी सूचना स्टाफ द्वारा अभिभावकों तक पहुंचाई जाती है। प्राइवेट विद्यालयों के तर्ज पर शीतकालीन व मध्यावधि अवकाश में बोर्ड कक्षाओं के लिए अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाती है।
स्कूल की उपलब्धि
अध्यापकों के द्वारा समय-समय पर भामाशाहों को विद्यालय के प्रति प्रेरित किया जाता है जिससे विद्यालय में भौतिक संसाधनों पर लगभग 8 लाख रुपए खर्च किए गए। विद्यालय के नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप में 6 विद्यार्थियों के चयन के साथ दसवीं बोर्ड परीक्षा में छात्र कमल किशोर ने 88.33 अंक हासिल किए है।