गत गुरुवार को आयोजित एमए की परीक्षा में महिला महाविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रेखा बेड़ा को नकल करते फ्लाइंग टीम ने पकड़ा. उसका प्रकरण बनाकर विश्वविद्यालय भेजा गया है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि बेड़ा ने प्रकरण बनाकर भेजते समय हस्ताक्षर नहीं किए थे। प्रकरण को बिना हस्ताक्षर के विश्वविद्यालय को भेज दिया। बेड़ा ने जिला कलक्टर के माध्यम से विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन भेजकर उनके खिलाफ बनाए गए नकल के प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।
विश्वविद्यालय करता है कार्रवाई
महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार परीक्षा को लेकर कईं उडऩ दस्तें परीक्षार्थियों पर नजर रखते हैं। कोई परीक्षार्थी नकल करता मिलता है उसका प्रकरण बनाकर विश्वविद्यालय भेजा जाता है। बाद में विश्वविद्यालय उसका फैसला करता है। परीक्षार्थी के बयान भी लिखकर हस्ताक्षकर करवाए जाते है। जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय कम से कम एक वर्ष तक परीक्षार्थी को परीक्षा में बैठने नहीं देता। इसके अलावा यह विश्वविद्यालय पर निर्भर करता है कि आगे क्या कार्रवाई करनी है।
विश्विद्यालय की परीक्षाएं 8 मार्च से शुरू हुई थी। अब तक कुल 64 प्रकरण नकल के पाए गए। इनमें 56 लड़के तथा 8 लड़कियां शामिल हैं, जो बीए, बीएससी, बी कॉम, एमकॉम, एमए, एमएससी, बीसीए विषय सहित स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाएं दे रहे हैं।
पर्चे पर ज्यादा नकल
64 प्रकरणों में ज्यादातर विद्यार्थियों के पास पासबुक के पन्ने या हाथ से लिखे हुए पर्चे पाए गए। कुछ विद्यार्थियों के हाथों पर भी लिखा हुा था। किसी के कपड़ों पर तो किसी के कहीं पर कुछ न कुछ लिखा हुआ पाया गया।
22 हजार से अधिक विद्यार्थी दे रहे परीक्षा
इस बार सभी परीक्षाओं में स्वयंपाठी तथा नियमित विद्यार्थियों की संख्या 22 हजार से ज्यादा है। विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए पहली बार संदेश कॉलेज व मूण्डवा स्थित तेजास्थती को दूसरी बार परीक्षा केंद्र बनाया गया है। मिर्धा महाविद्यालय में 19 हजार से अधिक, संदेश कॉलेज में 700 तथा वीर तेजा कॉलेज में 500 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं।
अब तक महाविद्यालय में परीक्षा के दौरान नकल के 64 प्रकरण पकड़े गए है। महाविद्यालय के सुपरवाइजर, उडऩ दस्ता, वीक्षक प्रत्येक परीक्षार्थी पर कड़ी नजर रखते हैं।
रामूराम राईका, केंद्राधीक्षक बलदेवराम मिर्धा महाविद्यालय, नागौर