डाक विभाग तक केन्द्र की ओर से संचालित बीमा योजना से लोगों को जोडऩे का काम कर रहा था। अब विभाग की ओर से पहली बार निजी कंपनी की बीमा पालिसी स्कीम से भी लोगों को जोड़े जाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इस संबंध में डाक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी कंपनियोंं की ओर से तमाम प्रकार की सहूलियतों के एवज में सामान्यत: प्रीमियम राशि कम से चार से पांच हजार तक न्यूनतम स्तर पर रखी जाती है। प्रीमियम दर की राशि हजारों में होने की वजह से इसका फायदा केवल समक्ष लोगों को ही मिल पाता था। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से निजी कंपनी से इसके लिए अनुबंध किया गया है। ताकी आमजन भी निजी कंपनी की बीमा पालिसी योजना का लाभ मामुली प्रीमियम दरों पर प्राप्त कर सके।
ग्रुप एक्सीडेंट गार्ड पॉलिसी योजना में उपभोक्ताओं को दो विकल्प दिए गए हैं। एक स्कीम 399 एवं दूसरी 299 की है। दुर्घटनावश मृत्यु होने की स्थिति में दस लाख तक का कवरेज दोनों ही विकल्पों में दिया गया है। विकल्प एक यानी की 399 की स्कीम में पूर्ण रूप से स्थाई विकलांगता, स्थाई रूप से आंशिक विकलांगता, दुर्घटनावश अंग विच्छेदव पैरालीसिस होने की स्थिति में दस लाख तक का कवरेज का प्रावधान है। इसमें दुर्घटनावश चिकित्सा व्यय आईपीडी साठ हजार तक की राशि देय रहेगी। इसी में दुर्घटनावश चिकित्सा ओपीडी, शिक्षा लाभ अधिकतम दो पात्र बच्चों के लिए, अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान प्रतिदिन के हिसाब से दस दिनों तक एक हजार की राशि देय रहेगी। परिवार के लिए परिवहन व्यय एवं अंतिम संस्कार तक के लिए राशि देय की व्यवस्था की गई है। विकल्प दो यानी की 299 की स्कीम में भी ज्यादातर चीजें यही हैं, लेकिन इसमें दुर्घटना के दौरान अस्पताल में रहने की अवधि में दस दिनों तक नगद राशि दिए जाने एवं दो बच्चों के लिए शिक्षा लाभ सरीखी सुविधाएं नहीं शामिल की गई हैं।
बीमा पॉलिसी से इनको जोडऩे का मिला जिम्मा
डाक विभाग के उच्चाधिकारियों की ओर इस योजना से आमजन को जोडऩे के संदर्भ में 400 से ज्यादा शाखा डाकघरों के शाखा डाकपालों सहित करीब 700 ग्राम सेवकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें चरणबद्ध रूप से विभाग ने येाजना की बारीकियां समझाने एवं लोगों को जोडऩे के लिए संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसमें कर्मचारियों को कहा गया है कि कार्यालयों में आने-जाने वाले उपभोक्ताओं को इसके बारे में समझाने का साथ जोडऩे का कार्य किया जाए।
इनका कहना है…
डाक विभाग की ओर से अनुबंधित निजी कंपनी की दुर्घटना बीमा पॉलिसी येाजना से भी लोगों को जोडऩे का कार्य शुरू किया गया है। इसका मूल उद्देश्य लोगों को मामुली प्रीमियम की दरों पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस संबंध में विभाग के कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
रामलाल मूण्ड, जिला डाक अधीक्षक नागौर