scriptVideo : अफीम तस्करी में आबकारी विभाग के दो जमादार गिरफ्तार, झूठी निकली लूट की कहानी | Video : Two jamadar of excise department arrested in opium smuggling | Patrika News
नागौर

Video : अफीम तस्करी में आबकारी विभाग के दो जमादार गिरफ्तार, झूठी निकली लूट की कहानी

भीलवाड़ा से अफीम बेचने आए थे जमनालाल व शिवसिंह, तस्करी में कुल छह गिरफ्तार, एक दर्जन आरोपी नामजद

नागौरJan 20, 2019 / 10:33 pm

shyam choudhary

opium smuggling

Two jamadar of excise department arrested in opium smuggling

नागौर. मादक पदार्थों की अवैध बिक्री व तस्करी रोकने का जिम्मा संभालने वाले आबकारी विभाग के दो जमादारों को सदर थाना पुलिस ने अफीम तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अफीम तस्करी के आरोप में कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि इतने ही नामजद आरोपी शेष हैं। अफीम तस्करी में आबकारी विभाग के जमादारों की मिलीभगत सामने आने के बाद विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गए हैं। उधर, छह लोगों की गिरफ्तार एवं अब तक की जांच के बाद यह भी साफ हो गया है कि गत 16 जनवरी को कोतवाली थाने में दर्ज कराए गए लूट के मामले की पूरी कहानी झूठी एवं मनगढं़त थी। दरअसल, मामला दर्ज कराने वाला खुद अफीम लेकर भीलवाड़ा से नागौर बेचने आया था, लेकिन उसे यहां सवा सेर मिल गए और अफीम लूट ली।
नागौर वृत्ताधिकारी सुभाष मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एसपी डॉ. गगनदीप सिंगला के निर्देश पर अवैध मादक पदार्थों एवं तस्करों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान गत 16 जनवरी को कोतवाली थानाधिकारी श्रवणदास संत ने कुम्हारी दरवाजा निवासी रामअवतार उर्फ राकेश उर्फ पिंटू तांडी पुत्र रमेश कुमार जाट के कब्जे से 242 ग्राम अफीम जब्त कर गिरफ्तार किया था, जिसकी जांच सदर थानाधिकारी राकेश वर्मा को सौंपी गई।
एक के बाद एक बढ़ते गए साझेदार
सदर थानाधिकारी वर्मा की जांच में सामने आया कि भीलवाड़ा जिले के बडलियास थाना क्षेत्र के मुरलिया निवासी जमनालाल पुत्र नन्दराम गाडरी व चित्तौडगढ़़ निवासी शिवसिंह राजपूत को नागौर के कुम्हारी दरवाजा निवासी सुनील सेन उर्फ पोनी पुत्र त्रिलोक सेन, छावटा खुर्द हाल कुम्हारी दरवाजा निवासी लोकेश जाखड़, सोमणा हाल कुम्हारी दरवाजा निवासी हनुमान जाट ने अफीम खरीदने के लिए नागौर बुलाया था। भीलवाड़ा से लाई गई अफीम को बिकवाने के लिए लोकेश ने अपने बुआ के बेटे रामअवतार तांडी को साथ मिला लिया। रामअवतार ने कुम्हारी दरवाजा क्षेत्र में देसी शराब दुकान चलाने वाले ठेकेदार फिड़ौद निवासी नारायण जाखड़, डेह रोड निवासी प्रताप माली व इंदिरा कॉलोनी निवासी ज्ञानीराम माली से बात की। तीनों ने अफीम की जांच की तथा शराब ठेके पर काम करने वाले बड़ली निवासी सुखाराम माली को साथ मिलाकर अफीम बेचने आए लडक़ों को डेह रोड स्थित प्रताप माली के मकान पर बुलाया। जहां दोनों लडक़ों को आबकारी पुलिस का भय दिखाकर अफीम लूटने का षडय़ंत्र रचा।
बंदरबांट के चक्कर में पकड़े गए
अफीम लूट के षडय़ंत्र को अमलीजामा पहनाने के लिए आरोपियों ने आबकारी विभाग के जमादार रामशरण सिंह गुर्जर व जमादार गोविन्दसिंह शेखावत से बात कर शामिल कर लिया। इसके बाद योजना के मुताबिक रामअवतार अपने साथ जमनालाल, शिवसिंह, सुनील सेन, लोकेश जाखड़ एवं हनुमान जाट को लेकर सुशील मिल के पास प्रताप माली के मकान पर पहुंचा, जहां प्रताप माली, नारायण जाखड़ व ज्ञानीराम अफीम का सौदा करने का नाटक करने लगे। इसी दौरान सुखाराम माली अपने साथ आबकारी के गोविन्द शेखावत व रामशरण सिंह गुर्जर को लेकर वहां पहुंच गया, जिन्होंने जमनालाल व शिवसिंह से अफीम छीन ली और उन्हें डरा धमकाकर वहां से भगा दिया। पुलिस के डर से सुनील सेन, लोकेश जाखड़ और हनुमान जाट भी मौके से भाग गए। इसके बाद प्रताप माली व नारायण जाखड़ ने अफीम अपने पास रख ली और दोनों जमादारों को आबकारी कार्यालय छोड़ दिया। इसके बाद रामअवतार ने दोनों से अपना हिस्सा मांगा तो उन्होंने पैसों का इंतजाम होने तक एक थैली में अफीम डालकर उसे दे दी, जिसे मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एक-एक करके पकड़े गए।
अब तक ये हुए गिरफ्तार
रामअवतार से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने ज्ञानीराम पुत्र ताराचंद माली, सुखाराम पुत्र गंगाराम माली, जमनालाल पुत्र जगनलाल तथा आबकारी के जमादार कुसुम्बी निवासी गोविन्दसिंह शेखावत व अलवर के जैनपुरवास निवासी रामशरण सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है। इसमें सुनील सेन पुत्र त्रिलोक सेन, लोकेश पुत्र राजाराम जाट, हनुमान जाट, नारायण जाखड़, प्रताप पुत्र रामजस भाटी एवं शिवसिंह राजपूत को गिरफ्तार किया जाना शेष है।
20 हजार के लिए हुए शामिल
डीएसपी मिश्रा ने बताया कि आबकारी विभाग के जमादार 20-20 हजार रुपए के लिए अफीम की तस्करी में शामिल हुए। तस्कारों ने उन्हें अफीम बिकवाने के लिए 20-20 हजार रुपए देने का ऑफर दिया था, जिस पर उन्होंने न केवल अपनी नौकरी दांव पर लगाई, बल्कि विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा दिए।
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