पथरी, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों पर होम्योपैथी बहुत कारगर है। यही नहीं मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुखार जैसे संचारी रोगों पर भी होम्योपैथी की दवाएं असरदार है। त्वचा, धब्बे, दाग और बाल संबंधी मामलों में भी होम्योपैथी में अच्छा इलाज है। लीवर संबंधी बीमारियों में भी होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति लाभकारी है। आज ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में लोगों जागरूक करना और लोगों को इसके फायदे बताना है। साथ ही होम्योपैथी के क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों को समझना है।
होम्योपैथी से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि एलोपैथी के बाद होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने को लेकर लोगों में विश्वास बढ़ने के कई कारण हैं। इसमें मुख्य रूप से –
कई जटिल बीमारियों का इलाज
आजकल कई जटिल बीमारियों का इलाज होम्योपैथी के जरिए किया जा रहा है। इससे होम्योपैथी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है। होम्योपैथी दवाओं से कोई नुकसान नहीं होता है, वहीं कई बीमारियों को जड़ से मिटाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार होम्योपैथी ने कई बीमारियों में बेहतर काम किया है। होम्योपैथी से बच्चों से जुड़ी बीमारियां, प्रसूति और स्त्री रोग, मानसिक स्वास्थ्य और जोड़ों का दर्द ,लिवर से संबंधित परेशानी, एसिडिटी की समस्या, संक्रामक रोगों में इलाज संभव है।
प्रचार-प्रसार की आवश्यकता
पहले की तुलना में अब लोगों में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसी का परिणाम है कि रोजाना 20 से 22 मरीज औषधालय आ रहे हैं। छोटी-छोटी बीमारियों में एलोपैथिक दवा लेने की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। इसकी गांवों में आज भी पहुंच नहीं है, यदि प्रत्येक पीएचसी पर एक चिकित्सक उपलब्ध हो जाए और होम्योपैथिक औषधालय खुले तो लोगों को अधिक लाभ मिलेगा।
– डॉ. रामकिशोर, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी, राजकीय होम्योपैथिक औषधालय, नागौर