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नर्मदापुरम

संभागीय मुख्यालय पर ट्रांसपोर्ट नगर नहीं, नतीजा व्यापारी आधी रात में करते हैं सामान की लोडिंग-अनलोडिंग

नर्मदापुरम, दक्षिण भारत सहित महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश से आने वाले कच्चे पक्के सामान पर चलने वाले नर्मदापुरम के थोक बाजार के व्यापारियों के लिए शहर में ट्रांसपोर्ट नगर की सुविधा नहीं है। जबकि यह शहर संभागीय मुख्यालय है। नो इंट्री के कारण ट्रांसपोर्ट से आया व्यापरियों का सामान दिन में दुकान पर नहीं आ पाता है। रात में ट्रक दुकान तक आते हैं तो खाली करने हम्मालों को जुटाना परेशानी भरा हो जाता है। नो इंट्री में कुछ समय की छूट देने और शासकीय भूमि पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का प्रस्ताव जिला योजना समिति म

नर्मदापुरमMay 07, 2023 / 07:28 pm

Jitendra Verma

संभागीय मुख्यालय पर ट्रांसपोर्ट नगर नहीं, नतीजा व्यापारी आधी रात में करते हैं सामान की लोडिंग-अनलोडिंग

नर्मदापुरम, दक्षिण भारत सहित महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश से आने वाले कच्चे पक्के सामान पर चलने वाले नर्मदापुरम के थोक बाजार के व्यापारियों के लिए शहर में ट्रांसपोर्ट नगर की सुविधा नहीं है। जबकि यह शहर संभागीय मुख्यालय है।

जानकारी के मुताबिक शहर के थोक बाजार में दक्षिण भारत के विभिनन शहरों से माचिस, नारियल, महाराष्ट्र से शक्कर, तेल और किराना, छत्तीसगढ़ के भिलाई से लोहा सीमेंट लेकर हर दिन करीब दो दर्जन ट्रक आते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होने के कारण माल से भरे ट्रक शहर के बाहर हाईवे और अन्य स्थानों पर खड़े रहते हैं। रात 10 बजे के बाद नो इंट्री खुलते ही वाहन थोक व्यापारियों की दुकान और गोदाम तक पहुंचते हैं। व्यापारी बताते हंै रात में महंगे दामों पर मजदूरों को बुलाकार मजबूरी में माल खाली करवाना पड़ता है। व्यापारियों का कहना है महानगरों में नो- इंट्री समय में दो से तीन घंटे की छूट दी जाती है। इस समय में आसानी से माल खाली हो सकता है। इसका प्रस्ताव भी जिला योजना समिति में रखा था लेकिन उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। व्यापारियों ने ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए सड़क सुरक्षा समिति सहित प्रशासन और सभी जनप्रतिनिधियों से मांग की है।
करोड़ों का कारोबार पर लगा है अडंगा
व्यापरियों के अनुसार ट्रांसपोर्ट नगर बनने और व्यापारियों को दिन में माल दुकान गोदाम में मिलने लगे तो करोड़ों का कारोबार बढ़ जाएगा। नगर पालिका के पास भोपाल तिराहे, दशहरा मैदान कोठी बाजार और मालाखेड़ी क्षेत्र में शासकीय भूमि है। इस पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जा सकता है लेकिन इस विषय को प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा है।
ट्रंासपोर्ट नगर नहीं होने से व्यापारी परेशान
ट्रंासपोर्ट नगर नहीं होने से बहुत नुकसान होता है। प्रशासन को इसके लिए कई बार आवेदन दिए हैं। जिला योजना समिति की बैठक में प्रस्ताव भी बनाया गया लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे व्यापारी परेशान हैं। जब तक ट्रंासपोर्ट नगर नहीं बनता हमें नो इंट्री में दो तीन घंटेे की छूट मिलना चाहिए।
राजकुमार खंडेलवाल, अध्यक्ष व्यापारी महासंघ
कोई हल निकलने का प्रयास करेंगे
व्यापारियों और नगर पालिका के साथ मिलकर कोई हल निकलने का प्रयास करेंगे। व्यापारियों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए जो भी संभव होगा किया जाएगा। ट्रंासपोर्ट नगर बनाने को लेकर संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
नीरज कुमार सिंह कलेक्टर नर्मदापुरम
दिनभर बेकार खड़ी रहती है गाड़ीहमारा अधिक्तर माल रायपुर, नागपुर महाराष्ट्र के कई शहरों से आता है। माल से भरी गाड़ी रात 0४ या ५ बजे बुला लेते हैं। सुबह १० से ११ बजे तक गाड़ी खाली हो जाती है लेकिन नो इंड्री लग जाती है। गाड़ी को फालतु ही दिनभर खड़ी रखना पड़ता है। इससे घाटा होता है। ट्रांसपोर्र्र्टं नगर बन जाएगा तो यह असुविधा नहीं होगी । प्रशासन को चाहिए स्कूलों की छ्ुटटी के बाद नो इंट्री के समय में कुछ छूट दे दे तो हमारा व्यापार ठीक से चलने लगेगा।
वीरेन्द्र कुमार गिल्ला, लौहा सीमेंट के थोक व्यापारी नर्मदापुरम-=दिन में गाड़ी खाली करो जो जाम लग जाता है

ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होने के कारण हमे बाजार में बैठना पड़ता है। मेरे पास दिल्ली , ग्वालियर, आगरा , भोपाल इंदौर सहित बड़े महानगरों से माल आता है। सुबह माल बुला लेते हैं। दुकान खुलते ही व्यापारी तक पहुंचा देते हैं लेकिन सड़क किनारे माल खाली कराने सेे जाम लग जाता है। कई प्रकार कीे परेशानी आती हैं।मनीष राठौर, ट्रांसपोर्ट कारोबारी नर्मदापुरम
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