पुलिस थाने के उन कर्मचारियों अधिकारियों के भी बयान लिए गए हैं जिन्होंने पीके पुरोहित को गिरफ्तार करने से लेकर एसडीएम कोर्ट भेजा था और फिर जेल दाखिल किया था ।
जानकारी के अनुसार इस घटना को लेकर प्रशासन अपने बचाव की पूरी तैयारी कर चुका है । मानव अधिकार आयोग ने इस घटना को लेकर कलेक्टर को निर्देशित किया था कि घटना के दौरान के सभी सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाएं लेकिन प्रशासन ने यह कहकर अपना बचाव किया है कि घटना के वक्त सीसीटीवी कैमरों का रखरखाव और उनकी शिफ्टिंग का काम चल रहा था जिसकी वजह से घटना के दौरान का कोई भी सीसीटीवी फुटेज उनके पास नहीं है । खुरपा गांव में फरियादी पीके पुरोहित के बयान दर्ज करने के दौरान नायब तहसीलदार मर्यादा बागड़े भी मौजूद थीं। जानकारी के अनुसार आईजी ने आयोग को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें घटना की पुष्टि की गई है पर घटना के लिए दोषी कौन है इस बारे में कुछ नहीं कहा गया। जिसके बाद आयोग ने खुद ही मामले की जांच का निर्णय लिया है।
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