40 वर्षीय दिव्यांग कर रहा मां नर्मदा की परिक्रमा
नरसिंहपुर•Dec 07, 2019 / 11:50 pm•
Sanjay Tiwari
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तेंदूखेड़ा। पतित पावनी पुण्य सलिला मां नर्मदा में ही जीवन का हर मूल्यों का राज छिपा हुआ है। बस उसे समझने की आवश्यकता है। उक्त विचार तेंदूखेड़ा पहुंचे परिक्रमावासियों ने यहां मंगलभवन परिसर में व्यक्त किये। उन्होनें बताया कि बरमान घाट से समुद्र तरफ की परिक्रमा करने के दौरान मां नर्मदा के कई घाटों पर जाने और मां नर्मदा के स्वरूप को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। ज्ञात हो 75 श्रद्धालु 22 दिन की यात्रा पर बस द्वारा परिक्रमा पर निकले है। उनमें द्वारका प्रसाद दुबे ने बताया कि समुद्र तक की परिक्रमा हो चुकी है। अब आगे अमरकंटक तरफ की परिक्रमा कर रहे हैं। इन परिक्रमावासियों के साथ रामजी नामक पांजरा का एक लगभग 40 वर्षीय विकलांग भी शामिल है। जो पैर से चलने में लाचार तो है लेकिन उसका कहना है कि मां नर्मदा की कृपा से ही हम यह परिक्रमा भलिभांति कर पा रहे है। वहीं एक ओर 12 वर्षीय कृष्णा धाकड़ ग्राम गुरारिया ने बताया कि मुझे अपने दादा दादी के साथ मां नर्मदा के स्वरूप को जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस यात्रा में प्रतिदिन बुर्जुगों के साथ नर्मदा के घाटों पर भक्तिमय आरती वंदना दीपदान करने का सामूहिक भोज में शामिल होने का जो अवसर और अनुभव मिल रहा है वास्तव में अद्भुत है। ग्राम डोभी में रात्रि विश्राम के उपरांत परिक्रमावासियों का जत्था ब्रम्हाण घाट के लिए रवाना हुआ। जो सडक़ मार्ग से अमरकंटक पहुंचेगा।
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