जिला अस्पताल में एनआरसी के हाल, एडीएम के सामने खुली पोल, महिलाएं बोली कल रात से नहीं मिला खाना
नरसिंहपुर•Dec 12, 2019 / 10:32 pm•
abishankar nagaich
nutrition rehabilitation center
नरसिंहपुर. कुपोषण से ग्रसित होकर उपचार के लिए भर्ती किये गए बच्चों को बासी खिचड़ी और दलिया खिलाकर पोषित बनाया जा रहा है। आलम यह है कि डेढ़ दिन तक बच्चों को अस्पताल प्रबंधन ने खाना तक नहीं दिया। इसका खुलासा शुक्रवार शाम जिला अस्पताल स्थित एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में हुआ। दरअसल, अव्यवस्थाओं की शिकायत पाकर एडीएम मनोज ठाकुर यहां आकस्मिक जांच के लिए पहुंचे थे। एडीएम जब यहां पहुंचे तो मात्र एक नर्सिंग छात्रा मौजूद मिली, जिसे खुद वार्ड और मरीजों के बारे में सही जानकारी नहीं थी। एडीएम के पहुंचते ही एनआरसी में भर्ती चार बच्चों के परिजनों ने अपनी पीड़ा बताना शुरू कर दिया। एडीएम ठाकुर ने पूछा कि खाना मिला है कि नहीं, तो परिजनों ने बताया कि उन्हें कल रात से खाना नहीं दिया गया है। सुबह बासी खिचड़ी और दलिया बच्चों को खिलाया गया है। इस दौरान एक मां ने बताया कि एनआरसी की रसोई में वे खुद ही बच्चों के लिए खाना बनाना चाहती थी लेकिन जिस कक्ष में खाद्य सामग्री रखी हुई है, उसमें ताला बंद है। इसके बाद एडीएम ने मरीजों का रिकॉर्ड देखा और जांच की।
नमकीन खा रहा था कुपोषित बच्चा
इसे मां-पिता और बच्चे का दुर्भाग्य कहे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही कि एडीएम जब पहुंचे तो निमोनिया और कुपोषण से पीडि़त बच्चे की भूख मिटाने मां उसे नमकीन खिलाते मिली। एडीएम ने जब यह दृश्य देखा तो अचरच में पड़ गए और मौके पर मौजूद सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल को तुरंत दूध और अन्य भोजन मंगवाने के लिए कहा।
खाना नहीं मिला तो 10 में से 6 चले गए घर
इस दौरान यह बात सामने आई कि गुरुवार तक यहां 10 कुपोषित बच्चों को भर्ती थे, लेकिन भोजन न मिलने व अव्यवस्थाओं के चलते माता-पिता उनकी छुट्टी करवाकर अपने घर ले गए। शेष 4 बच्चे मात्र इसलिए मौजूद थे क्योंकि उनकी हालत ठीक नहीं थे और वे काफी कमजोर थे।
ये है असल समस्या
जानकारी के अनुसार एनआरसी में सबसे बड़ी संख्या स्टाफ की है। यहां नर्स के 3 पद है लेकिन सभी खाली पड़े हुए हैं। सपोर्टिंग स्टॉफ के 5 पद है, लेकिन मात्र दो ही मौजूद रहती हैं। स्वीपर अलग से नहीं है अस्पताल के ही सफाईकर्मी व्यवस्था देखते हैं। बीते तीन दिनों से यहां सर्पोटिंग स्टॉफ नहीं पहुंच रहा है। अकेले डाइटीशियन दिनभर व्यवस्था देखती और शाम को घर चली जाती, ऐसी स्थिति में बच्चों को लिए भोजन तैयार करने तक कर्मचारी नहीं रहे।
सिविल सर्जन बोलीं, मुझे नहीं बताया
एनआरसी में व्याप्त समस्याओं को एडीएम ठाकुर ने सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मुझे बताया ही नहीं गया कि यहां इस तरह की समस्या है। उन्होंने एडीएम को बताया कि एनआरसी प्रभारी डॉ. मरावी ने भी समस्या से अवगत नहीं करवाया।
यह है मैदानी हकीकत
एनआरसी में अव्यवस्थाओं लंबे समय से फैली हुई है। कभी पानी की कमी तो कभी बिजली की समस्या। स्टॉफ की कमी लंबे समय है और कई बार केंद्र कर्मचारियों द्वारा सिविल सर्जन व सीएमएचओ को अवगत कराया गया, लेकिन जिम्मेदारों ने समस्या निराकरण करने की बजाय अनदेखी कर दी।
एडीएम बोले, दर्ज करवा देंगे एफआइआर
मासूमों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार व एनआरसी कर्मचारियों की लापरवाही पर एडीएम ठाकुर जमकर भडक़े। उन्होंने कहा कि कर्मचारी कोई भी हो और किसी की भी सिफारिश लेकर आए, उसे छोड़ेंगे नहीं। बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एफआरआर दर्ज करवाई जाएगी, किसी भी सूरत में ऐसे कर्मचारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।