बही बेरिकेड्स, प्रथम तल जोड़ में आई दरारें
टीआई प्रभात शुक्ला ने बताया कि सोमवार की रात को पानी उतरने के बाद पुल की स्थिति का अवलोकन किया तो कई जगह पर मौजूद लोहे के पाइप की बेरिकेड्स टूट कर अलग हो गई। कुछ हिस्से की बेरिकेड पानी में बह गई। वहीं पुल के दो हिस्से में कटाव नजर आए इसलिए उसके ऊपर से वाहनों की आवाजाही नहीं होने दी।
एमपीआरडीसी अफसरों ने देखा पुल
मंगलवार दोपहर ११ बजे मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम जबलपुर के डिवीजन मैनेजर आरपी सिंह व सहायक महाप्रबंधक संतोष शर्मा ने झांसीघाट पुल का निरीक्षण करने के बाद बताया कि पुल पर किसी प्रकार का डेमेज नहीं हुआ। उसकी ऊपरी परत ही टूटी है जिस पर अस्थायी रूप से मरम्मत कराने के बाद यातायात को चालू करा दिया गया है। पुल की रैलिंग बहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पानी अचानक आया है, उनको किसी अलर्ट की जानकारी नहीं मिली वरना रैलिंग को अलग कराने का कार्य करवा लिया जाता। उन्होंने बताया कि बारिश रूकने के बाद पुल पर जो अस्थायी मरम्मत का कार्य करवाया है। उस पर पक्का दुरूस्तीकरण का कार्य करवाया जाएगा। घुघरा पुल का भी अवलोकन करके रोड पर आई दरार को देख कर यहां से एक साइड से वाहन निकालने की इजाजत दी गई है।
इन अधिकारियों के आने के बाद गोटेगांव से एसडीएम जीसी डहेरिया, एसडीओपी पीएस बालरे व टीआई प्रभात शुक्ला पहुंचे और उन्होंने निकलने वाले वाहनों को देखने के बाद यहां पर तैनात पुलिस कर्मचारी को हटाते हुए यातायात को पूरी तरह से चालू कर दिया। एसडीएम ने बताया कि जब सेतु निगम के अधिकारियों ने पुल की जांच कर ली इसके बाद यातायात को रोका नहीं जा सकता है।
पुल के दोनों ओर सिल्ट जमी
नर्मदा नदी झांसीघाट के दोनों ओर बाढ़ के कारण मोटी सिल्ट जम गई है, जिसके ऊपर से कोई पैदल नहीं निकल पा रहा था। जिस स्थल पर खारी विसर्जन का कार्य होता है वहां पर नर्मदा में बहुत पानी होने के कारण खारी विसर्जन करने वाले पुल के ऊपर ही बैठ कर मुंडन कराके खारी विसर्जन का कार्य करते रहे। नर्मदा नदी के मुआरघाट में भी स्नान करने वाली सीढिय़ों में भारी तादाद में सिल्ट जमा हो गई। यहां पर मौजूद धर्मशाला आधी डूब जाने से उसके अंदर रखा हुआ बहुत सा सामान गीला हो गया है।