गाडरवारा। नगर के अनेक बच्चे अपने पापा से सवाल पूछते नजर आ रहे हैं कि शहर का पार्क केवल गर्मियों के दिनों में ही क्यों खुलता है, अब क्यों बंद है। हम शाम को पार्क में बैठना चाहते हैं। पांच वर्षीय बच्चे मोहित राजपूत ने अपने पिता से जब यह सवाल बार बार पूछा तो उसके पिता उसे पत्रिका कार्यालय लेकर आए। बच्चे ने अपनी उक्त व्यथा बताकर पत्रिका से पार्क खुलवाने की गुहार लगाई। केवल मोहित ही नहीं अनेक दूसरे बच्चे भी चाहते हैं कि वे दिन भर की पढ़ाई लिखाई के बाद अपने माता पिता के साथ हीं घूमने जाएं, कुछ दूर पार्क में बैठकर खेलकूद, मस्ती करें। लेकिन नगर का पार्क गर्मी के कुछ महीने खुलकर शेष दिनों बंद रहता है। इतना ही नहीं नगर के अनेक लोग सर्दियों के दिनों में सुबह घूमने जाते हैं, वे चाहते हैं कि पार्क में पेड़ों की छांव के बीच बैठकर योग, प्राणायाम करें। लेकिन नगर का पार्क बंद होने से उन्हे भी बेहद परेशानी होती है।
स्थानीय नगर पालिका का पार्क कई महीनों से बंद पड़ा है। जबकि पार्क के रखरखाव को लेकर प्रतिमाह खर्च किया जाता है। बावजूद इसके लोगों को पार्क होते हुए भी सुविधा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। लोगों का कहना है राजधानी भोपाल, जबलपुर एवं अन्य नगरों में रोजाना पार्क खुलते हैं। जहां सुबह शाम के अलावा दिन भर बाहर से आने वाले लोग आ जा सकते हैं।
पड़े रहते हैं ताले
पार्क में लगे बच्चों के झूले, फव्वारा, फिसलपटटी बच्चों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं। गर्मियों में नगर के बच्चों के अलावा शहर में छुटिटयां बिताने आए बच्चे, नागरिक रोजाना बड़ी तादाद में उमड़ते हैं। लेकिन जब पार्क बंद रहता है तो लोगों को बड़ी शिददत से पार्क की कमी महसूस होती है। नगर पालिका के पास बने सेठ जमनादास काबरा उद्यान के अलावा पलोटनगंज में भी प्रियदर्शिनी पार्क मौजूद है। लेकिन इसमें भी ताले पड़े रहते हैं। इसके चलते लोगों को पार्क की सुविधा से मेहरूम रहना पड़ता है। नागरिकों ने नगर पालिका प्रबंधन से गर्मी की भांति सर्दियों में भी रोज सुबह शाम पार्क खोले जाने की अपेक्षा जताई है।