scriptडॉक्टर और मेडिकल स्टोर संचालक की मिलीभगत से चल रहा था रेमडिसीवर का बड़ा खेल | The big game of Remdisiver was going on with the connivance of the doc | Patrika News
नरसिंहपुर

डॉक्टर और मेडिकल स्टोर संचालक की मिलीभगत से चल रहा था रेमडिसीवर का बड़ा खेल

कोरोना काल में जिले के लोगों ने जिस डॉक्टर को सिर आंखों पर बिठाया अब वही रेमेडिसीवर इंजेक्शन को लेकर सवालों के घेरे में है।

नरसिंहपुरApr 11, 2021 / 11:38 pm

ajay khare

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नरसिंहपुर. कोरोना काल में जिले के लोगों ने जिस डॉक्टर को सिर आंखों पर बिठाया अब वही रेमेडिसीवर इंजेक्शन को लेकर सवालों के घेरे में है। प्रशासन ने रेमडिसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर जिस मेडिकल स्टोर को सील किया है डॉक्टर के तार उसी से जुड़ते नजर आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में कुछ दिनों में डॉक्टर के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले प्रशासन से यह शिकायत की गई थी कि एक डॉक्टर और एक मेडिकल स्टोर संचालक की मिलीभगत से कोरोना मरीजों के लिए रेमेडिसीवर इंजेक्शन सप्लाई करने में बड़ा खेल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कोविड मरीजों के लिए एक डॉक्टर द्वारा रेमेडिसीवर इंजेक्शन लिखे जाते थे। मरीज के परिजन जब उसे बाहर से खरीद कर लाते थे तो यह कह कर लगाने से इनकार कर दिया जाता था कि यह नकली है इसे नहीं लगाएंगे। जिसके बाद मरीज के परिजन को एक विशेष फार्मा कंपनी का इंजेक्शन एक विशेष मेडिकल स्टोर से लाने के लिए कहा जाता था जो काफी महंगा दिया जाता था और मरीज को उसका बिल भी नहीं देते थे। दूसरी ओर अन्य मेडिकल स्टोर संचालकों ने यह इंजेक्शन रखने इसलिए बंद कर दिए क्योंकि उनके यहां से खरीदे गए इंजेक्शन को वापस करा दिया जाता था। यह बात भी सामने आई है कि पिछले साल एक विधायक ने अपनी निधि से जो १० लाख रुपए की राशि रेमेडिसीवर इंजेक्शन खरीदने के लिए जिला अस्पताल को दी थी उसमें भी एक डॉक्टर ने नियमों को ताक में रख कर स्थानीय दो दवा विक्रेताओं से मनमाने दामों पर सप्लाई कराई थी। सूत्रों की मानें तो अस्पताल द्वारा खरीदे गए रेमेडिसीवर इंजेक्शन के उपयोग को लेकर मामला जांच के दायरे में है। पिछले साल से लेकर अभी तक अस्पताल के स्टाक से रेमेडिसीवर इंजेक्शन किन किन मरीजों को लगाए गए इसका खुलासा भी चौंकाने वाला हो सकता है।
वर्जन
जिला अस्पताल में रेमेडिसीवर इंजेक्शन को लेकर डॉक्टर द्वारा अत्यंत महंगी दर पर बाजार से इंजेक्शन खरीदवाने की बात गलत और निराधार है। अस्पताल के स्टाक के एक एक इंजेक्शन का पूरा हिसाब है। कहीं कोई अनियमितता नहीं है।
डॉ. अनीता अग्रवाल, सीएमएचओ
चार दिन पहले सील किया मेडिकल स्टोर खुलवाया
नरसिंहपुर. ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा 4 दिन पहले की गई जांच के दौरान एक मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया था जिसे प्रशासन के आदेश पर खोल दिया गया है। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय पर ४ दिन पहले अनियमितताओं और एक डॉक्टर के संरक्षण में अधिक कीमत पर दवाएं बेचने की शिकायतों पर मेडिकल को जिला प्रशासन ने सील करा दिया था। बाद में यह भी शिकायत मिली कि मेडिकल स्टोर का पिछला दरवाजा खुला है और यहां से दवाएं बेची जा रहीं हैं। जिस पर एसडीएम ने पुलिस बल के साथ दुकान को नए सिरे से सीलबंद किया था। जिस पिछले दरवाजे से दुकान संचालन की कथित शिकायत मिली थी उसकी सील भी एक घंटे के भीतर तोड़ भी दी गई थी। एसडीएम के मार्गदर्शन में ही मेडिकल दुकान की दोबारा सीलबंदी की गई। कुछ देर बाद पिछले दरवाजे की सील ये हवाला देकर तोड़ दी गई कि इसका रास्ता ऊपर पैथालॉजी की ओर जाता है। जबकि समूची बिल्डिंग में कौन सी पैथालॉजी संचालित है, कौन पैथालॉजिस्ट है, इसका रजिस्ट्रेशन नंबर क्या है, इसकी जानकारी देने वाला कोई साइन बोर्ड तक नहीं लगा है। मेडिकल स्टोर सील करने और खोलने को लेकर भी कार्रवाई सवालों के घेरे में रही थी।

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