scriptFORT : यहां 40 हजार फीट उंचे किले में है सरोवर | The lake is in 40 thousand feet high fort | Patrika News
नरसिंहपुर

FORT : यहां 40 हजार फीट उंचे किले में है सरोवर

प्रकट हुईं थी मां नर्मदा, तालाब में 12 महीने उपलब्ध रहता है पानी

नरसिंहपुरJan 24, 2018 / 12:01 am

संजय तिवारी

The lake is in 40 thousand feet high fort

The lake is in 40 thousand feet high fort

नरसिंहपुर/आमगांव बड़ा। तहसील मुख्यालय से लगभग 22 किमी दूर स्थित चौगान किला अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। इसका निर्माण 1543 ईस्वी में हुआ था। यहां प्राचीन महत्व का कुंड, तालाब व कलाकृतियों का बेजोड़ नमूना भी है, जो सतपुड़ा दर्शन क्षेत्र में पर्यटन की ढेर सारी संभावनाएं समेटे हुए है। इस जगह की विशेषता है कि करीब 4000 फीट ऊंचाई पर किले के परिसर में गौंड़ राजा द्वारा निर्मित तालाब 12 महीना पानी उपलब्ध रहता है, लेकिन पुरातत्व विभाग व प्रशासन की अनदेखी से यह किला खण्डहर में तब्दील हो गया है और किले के अवशेषों का तेजी से क्षरण हो रहा है।


प्रकट हुईं थी मां नर्मदा
वहीं तालाब की कभी भी सफाई न होने के कारण यहां का पानी भी काफी गंदा हो चुका है जो फिलहाल सड़ांध मारने लगा है। कहते हैं यहां के गौंड राजा ने मां नर्मदा का पूजन कर आशीर्वाद मांगा, जिस पर मां नर्मदा ने उनके सम्मुख प्रगट होकर तालाब में अपनी उपस्थिति दी। परिणाम स्वरुप आज भी इतने वर्षों बाद इस तालाब का पानी कभी नहीं सूखता। यहां संरक्षित क्षेत्र का सूचना पटल भी लगा है, लेकिन किले की हालत असुरक्षित व जर्जर बनी हुई है। इस किले में जिला प्रशासन द्वारा सूचना पटल भी लगाया गया है कि इसको संरक्षित किया जाये, परंतु इस ओर कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है। शासन के ध्यान न देने के कारण लोगों ने भी इसे क्षतिग्रस्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। यहां जाने का कोई सुगम मार्ग तो नहीं है, परंतु करपगांव-शाहपुर व आमगांव बड़ा होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है।


यहां स्थित है वरुण देव का मंदिर
यहां के आदिवासियों का कहना है किला करेली व गाडरवारा तहसील के मध्य आता है। यहां पर किले के पास वरुण देव का भी मंदिर है। मंदिर में पूजन-अर्चन अनुष्ठान करने पर वरुणदेव खुश होकर पानी की वर्षा कराते हैं। दूसरी तरफ यह स्वयं वादियों सतपुड़ा की पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ है, जिसके कारण यहां के प्राकृतिक सुंदर दृश्य प्राचीन कथाओं का याद दिलाती है। किंतु यहां के लिए पहुंच मार्ग व्यवस्थित ना होने के कारण यहां पर पर्याप्त पर्यटन के लिए लोग नहीं पहुंच पाते। यहां पर सुविधाएं होती हैं तो यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचेंगे। जिससे प्रशासन को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। इतिहास में दर्ज जानकारी के अनुसार संग्राम शाह ने चौरागढ़ का किला स्थापित कराया था। चौरागढ़ को स्थानीय लोग चौगान कहते हैं। किला आज भी अपने वैभवशाली अतीत की कहानी कह रहा है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो