कई बार साबित हो चुका है कि माइक्रोप्लास्टिक समुद्री जीवों से इंसानों के खून में पहुंच रहा है, लेकिन पहली बार जमीन में दबे पुरातात्त्विक स्थल की मिट्टी तक इनकी पहुंच की पुष्टि हुई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रदूषक से पुरातन विरासतें भी खतरे से खाली नहीं हैं। हमें इन धरोहरों के संरक्षण पर नए सिरे से कोशिशें करनी होंगी।
माइक्रोप्लास्टिक दुनियाभर में चिंता का विषय है। मानव शरीर में प्रवेश पर माइक्रोप्लास्टिक क्या नुकसान पहुंचा सकता है, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ये फेफड़ों और इम्यून सिस्टम के लिए गंभीर खतरा हो सकते हैं।