किताब पर भड़क गए थे इस्लामिक कट्टरपंथी देश
मुंबई के एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार में जन्म सलमान रुश्दी ने कई नॉवेल लिखे है। उन्होंने साल 1988 में सेटेनिक वर्सेस नाम की एक किताब लिखी जिसपर खूब बवाल हुआ। इस किताब पर इतना विवाद बढ़ा कि लोग खून-खराबे के लिए उतारू हो गए थे। भारत में यह किताब बैन की जा चुकी थी। एक साल बाद 1989 में ईरान ने उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया। इसके कुछ ही दिन बाद मुंबई में हुए एक दंगे में 12 लोगों को जान गंवानी पड़ी। ब्रिटेन की सड़कों पर रुश्दी के पुतले फूंके गए। उनकी किताबें जला दी गईं। इसके बाद रुश्दी करीब एक दशक सेफ हाउस में रहना पड़ रहा है। इसके बाद से उन्होंने लिखना बंद कर दिया।
जाने-माने लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला, चाकुओं से गोदकर किया घायल
द सैटेनिक वर्सेज पर ईशनिंदा का आरोप
आरोप है कि उनकी किताब द सैटेनिक वर्सेज में पैगंबर मुहम्मद के बारे में कुछ अपमानजनक बाते लिखी गई थी। इसके बाद इस्लामिक कट्टरपंथी देश भड़क गए थे। विरोध बढ़ता गया इसके साथ ही ईरान भारत सहित कई देशों में प्रतिबंधित कर दी गई।
हत्या पर की थी इनाम की पेशकश
इसे लेकर ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने रुश्दी को मौत की सजा दिए जाने का फतवा जारी किया था। रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख डॉलर से अधिक का इनाम देने की भी पेशकश की थी।
रुश्दी पर जानलेवा हमला
अमेरिका के न्यूयार्क शहर में सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ। एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा और रुश्दी पर चाकू से हमला कर दिया। उनकी हेल्थ पर उनके बुक एजेंट एंड्रयू वायली ने बताया कि सलमान रुश्दी की एक आंख खोने की संभावना है। उसकी हाथ की नसें टूट गई हैं और उनके लीवर में चाकू घोंपा गया है।