सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द की थी रिहाई
बता दें कि गोधरा में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप हुआ था। बिलकिस बानो के परिजनों की हत्या के मामलें 11 दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को रद्द कर दिया था। गुजरात सरकार की ओर से दी गई रिहाई को न्यायमूर्ति बीवी नागरथाना और उज्जल भुइयां की पीठ ने गुजरात सरकार के इस कदम को गलत ठहराया था। 2022 में स्वतंत्रता दिवस के दिन आजाद किए गए दोषियों को 2 सप्ताह के भीतर वापस दोबारा जेल भेजने का आदेश दे दिया था।
दोषियों ने की थी समय मांग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोषियों ने याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आत्मसमर्पण के लिए अतिरिक्त समय मांगा। कोर्ट ने सभी याचिकाएं को खारिज कर दिया। साथ ही तय समयसीमा के अनुसार 21 जनवरी तक आत्मसमर्पण करने को कहा। 11 दोषियों में बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवंत नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चंदना और शैलेश भट्ट शामिल हैं।