मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरक्षण , धार्मिक प्रथा, साल 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी सहित अन्य सार्वजनिक व संवैधानिक महत्व के मामलों की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिससे लोगों से जुड़े मुद्दों की सुनवाई के दौरान आम लोग सीधे सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई देख पाएंगे। इससे उन छात्रों को भी फायदा होगा, जो वकालत कर रहे हैं या करना चाहते हैं।
गुजरात, उड़ीसा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अपने YouTube चैनलों के माध्यम से कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट की कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम करने के लिए एक प्लेटफार्म तैयार करने पर काम किया जा रहा है, जिसके बाद न्यायपालिका से जुड़ी जानकारियां और कोर्ट की लाइव स्टीम देखना आसान हो जाएगा।