यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं में खुशी
आपदा को लेकर श्रद्धालुओं का कहना है कि वे अपने घर से प्रण लेकर निकले है कि भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए बिना नहीं जाएंगे। बाबा के दर्शन करने के लिए उनको कोई भी परीक्षा देनी पड़े वे तैयार है। तीर्थयात्रियों का कहना है कि हमें बाबा भोले में पूर्ण विश्वास है और बाबा के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद सरकार ने एक बार फिर यात्रा शुरू कर दी है, इससे श्रद्धालुओं बहुत खुश है।
त्रासदी में लापता श्रद्धालुओं की तलाश जारी
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को आए सैलाब में लापता लोगों की तलाश जारी है। शुक्रवार की शाम पवित्र गुफा के पास तेज बारिश से आए सैलाब के चलते यात्रा को रोकना पड़ा था। गुफा के सामने करीब 10 फुट तक मलबा जमा होने से यात्रा मार्ग भी ध्वस्त हो गया था। सीआरपीएफ और अन्य कर्मियों ने यात्रियों को सुरक्षित रूप से आगे आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन कर रहे है।
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Mi-17V5 और चीतल हेलीकॉप्टर तैनात
IAF के एक प्रवक्ता ने बताया कि अमरनाथ हादसे के लिए बचाव और राहत प्रयासों के लिए चार Mi-17V5 और चार चीतल हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चीतल हेलीकॉप्टरों ने 45 उड़ानें भरी हैं। पवित्र गुफा से 45 बचे लोगों को निकालते हुए पांच एनडीआरएफ और सेना के जवानों और 3.5 टन राहत सामग्री को शामिल किया है।
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16 लोगों की मौत, 40 अभी लापता
इस हादसे में अभी तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। करीब 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। 65 घायल लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। सेना, बीएसएफ, आईटबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
दो मार्गों से शुरू हुई थी अमरनाथ यात्रा
आपको बता दें कि 30 जून से दो मार्गों से 43 दिवसीय वार्षिक अमरनथ तीर्थयात्रा शुरू हुई थी। पहला रास्ता दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में नुनवान से होकर जाता है जो कि 48 किलोमीटर लंबा है। वहीं दूसरा रास्ता मध्य कश्मीर के गांदरबल में बालटाल से है जो कि 14 किलोमीटर छोटा है। 11 अगस्त को अमरनाथ यात्रा खत्म हो जाएगी। यह यात्रा 11 अगस्त रक्षाबंधन के मौके पर समाप्त होगी।