विजयम्मा ने पार्टी के अधिवेशन में YSR कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि एक मां के तौर पर मैं हमेशा जगन के करीब रहूंगी। पूर्ण राष्ट्रीय बैठक में वाई.एस. विजयम्मा ने कहा कि इस पार्टी से अलग होने की सोच रही हूं। शर्मिला (उनकी बेटी) अकेले लड़ रही है। आपको बता दें कि जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई एस शर्मिला ने भी अपने भाई से अलग राह पकड़ ली है और अपनी खुद की पार्टी बना ली है। शर्मिला पड़ोसी राज्य में YSR तेलंगाना पार्टी की कमान संभाल रही हैं।
विजयम्मा ने कहा, “शर्मिला अपने पिता के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए तेलंगाना में अकेले लड़ाई लड़ रही हैं। मुझे उसका समर्थन करना होगा। मैं इस दुविधा में थी कि क्या मैं दो राजनीतिक दलों (दो राज्यों में) की सदस्य हो सकती हूं। YSR कांग्रेस के मानद अध्यक्ष पद पर बने रहना मेरे लिए मुश्किल है।” उन्होंने कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसी स्थिति पैदा होगी। मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ, लेकिन मुझे लगता है कि यह ईश्वर की मर्जी है।”
गौरलब है कि शर्मिला की पार्टी के अपने भाई के संगठन से ठंडे रिश्ते हैं। पिछले कुछ समय से खबरें आ रही थीं कि जगनमोहन रेड्डी और शर्मिला के बीच संपत्ति से जुड़े मुद्दों को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है। खबरों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में दोनों के बीच कड़वाहट काफी बढ़ गई है और विजयम्मा अपने बेटे से अलग रह रही हैं। कथित तौर पर जगन रेड्डी और उनकी बहन के बीच मतभेद तब पैदा हुए जब उन्होंने तेलंगाना में एक राजनीतिक पार्टी बनाई। ठीक एक साल पहले शर्मिला ने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की घोषणा की थी।
आज ही जगन मोहन रेड्डी के पिता की 73वीं जयंती है। इस मौके पर जगन ने अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ उनकी पत्नी और मां भी मौजूद थी। एक तरफ YSR कांग्रेस अपने पितामह यानी राजशेखर रेड्डी का जन्मदिन मना रही है। इस मौके पर पार्टी ने अपना दो दिन का अधिवेशन बुलाया है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में जगन मोहन रेड्डी को YSR कांग्रेस का आजीवन अध्यक्ष बनाया जा सकता है।