अंकिता भंडारी हत्याकांड में गठित एसआईटी की प्रभारी पी रेणुका देवी ने बताया कि फॉरेंसिक टीम ने वनतारा रिसॉर्ट को तोड़े जाने से पहले 24 सितंबर को सभी सबूत इकट्ठे कर लिए थे। फोरेंसिक जांच में इस्तेमाल होने वाले सभी सबूत सुरक्षित हैं। आगे की जांच की जा रही है। बता दें कि इसके साथ ही फॉरेंसिक टीम के रिसॉर्ट में जाने और वहां जांच के बाद वापस आने की तस्वीरें भा सामने आई हैं।
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अंकिता के परिवार ने सवाल करते हुए पूछा, रिजॉर्ट को क्यों तोड़ा गया। घरवालों का दावा है कि सबूत मिटाने के लिए इस रिजॉर्ट को तोड़ा गया है। इससे पहले रिजॉर्ट पर बुलडोजर किसके कहने पर चलावाया गया। इसका जवाब जिला प्रशासन नहीं दे पा रहा था।
पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट के सामने आने के बाद रविवार सुबह अंकिता के अंतिम संस्कार को रोक दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए परिवार ने दोबारा कराने की मांग की थी। बता दें कि अंकिता भंडारी की प्रोविशनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसकी मौत से पहले उसके साथ मारपीट की गई। इसके साथ ही डूबने को मौत का कारण बताया गया है।
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मामले की जांच कर रहे डीजीपी अशोक कुमार के कहा कि अंकिता भंडारी के मोबाइल से मिले स्क्रीनशॉट से पुलिस को कुछ अहम सबूत मिले हैं। जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि अंकिता पर फिजिकल रिलेशन के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसी गलत काम के दबाव को लेकर आपस में झगड़ा हुआ होगा। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
इस घटना पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि इस हृदय विदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच के आदेश दे दिए हैं। आरोपियों के गैर कानूनी रूप से बने रिजॉर्ट को जमींदोज कर दिया गया है। इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।