ईडी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में समूह का कथित सरगना प्रशांत कुमार हलदर इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। ईडी ने पूरे गिरोह का खुलासा किया है। प्रशांत कुमार हलदर पर पड़ोसी देश में 10 हजार करोड़ टका (बांग्लादेशी मुद्रा) की बैंक धोखाधड़ी करने का आरोप है। वहां पर उस पर केस दर्ज है और उसकी तलाश की जा रही है।
जिसके बाद उसने यहां भारतीय नागरिक के रूप में अपनी पहचान बनाई और फिर धोखाधड़ी के पैसे के जरिए यहां संपत्तियां खरीदीं। इसके साथ ही व्यापार शुरू कर दिया। ईडी के सूत्रों के अनुसार, छापेमारी और तलाशी अभियान बांग्लादेश स्थित एनआरबी ग्लोबल बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार हलदर और उत्तर 24 परगना के अशोकनगर निवासी सुकुमार मृधा द्वारा धन के बड़े गबन से संबंधित हैं।
सुकुमार मृधा पश्चिम बंगाल के हलदर के एजेंट के तौर पर काम करता था। ईडी को शक है कि मृधा और हलदर के पास अन्य शहरों में कई संपत्तियां हैं। प्रशांत कुमार हलदर का अशोकनगर के नबापल्ली इलाके में एक घर मौजूद है। उसके पास बांग्लादेश और भारतीय पासपोर्ट के अलावा ग्रेनेडा पासपोर्ट भी पाया गया। तो वहीं ईडी ने अपनी जारी बयान में बताया कि प्रशांत, शिव शंकर हलदर (भारतीय पहचान) नाम का इस्तेमाल करता था और इंटरपोल ने उसके खिलाफ वैश्विक गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
ईडी का कहना था कि प्रशांत कुमार ने भारत में भी धोखाधड़ी की है और सरकारी विभागों को गुमराह किया। उसने बांग्लादेशी नागरिक होते हुए भी अपनी पहचान छिपाई और फर्जी पहचान के आधार पर भारत में कंपनियां बना डालीं। सने अपने अन्य सहयोगियों के साथ फर्जी तरीके से राशन कार्ड, भारतीय मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे सरकारी पहचान पत्र बनवा लिए थे।
ईडी ने मुख्य आरोपी प्रशांत कुमार हलदर उर्फ शिबाशंकर हलदर के साथ उसके साथियों स्वपन मैत्रा उर्फ स्वपन मिस्त्री, उत्तम मैत्रा उर्फ उत्तम मिस्त्री, इमाम होसियन उर्फ इमोन हलदर, अमाना सुल्ताना उर्फ शर्मी हलदर और प्रणेश कुमार हलदर को भी गिरफ्तार किया है। ईडी ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया।