scriptRain breaks 133 year old record: सूखे से दो महीने तक मचा हाहाकार, अब भारी बारिश ने तोड़ा 133 वर्षों का रिकॉर्ड, कई जगह बाढ़ जैसे हुए हालात | Bengaluru rain breaks 133 year old record: Drought caused havoc for two months, now heavy rain has broken the record of 133 years | Patrika News
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Rain breaks 133 year old record: सूखे से दो महीने तक मचा हाहाकार, अब भारी बारिश ने तोड़ा 133 वर्षों का रिकॉर्ड, कई जगह बाढ़ जैसे हुए हालात

Heavy rain in Karnatka: कर्नाटक में पिछले दो महीने से ज्यादा समय से पानी की कमी के चलते हाहाकार की स्थिति पैदा हो गई थी लेकिन कल एक ही दिन की बारिश ने जून महीने का कोटा पूरा कर दिया।

नई दिल्लीJun 03, 2024 / 02:09 pm

स्वतंत्र मिश्र

Heavy Rain in Karnatka

Bengaluru Heavy Rain breaks all record: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के कर्नाटक तट पर पहुंचने के तुरंत बाद रविवार शाम को बेंगलुरु के आसमान में तेज गरज के साथ काफी देर तक बारिश हुई। भारी बौछार के साथ तेज हवाएं भी चलती रहीं। परिणामस्वरूप यहां जून माह में 133 सालों का रिकॉर्ड टूटा और सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। कर्नाटक को इस बारिश की दरकार बहुत करीब दो माह से थी क्योंकि राज्य के ज्यादा तालुका में सूखा पड़ गया था। पानी के ज्यादातर स्रोत सूख चुके थे और पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बेंगलुरु में रविवार की आधी रात तक111 मिमी की भारी बारिश हुई जो जून में अब तक का सबसे बारिश वाला दिन बन गया।

1891 में बना था एक दिन में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), बेंगलुरु के अधिकारियों के अनुसार, एक ही दिन में सबसे अधिक बारिश का आखिरी रिकॉर्ड 16 जून 1891 को बना था जब शहर में 101.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। हैरानी की बात यह है कि बेंगलुरु ने बारिश का अपना मासिक कोटा भी पूरा कर लिया। बेंगलुरु में जून महीने की औसत वर्षा लगभग 110.3 मिमी है। हालाँकि आईएमडी के अधिकारियों के अनुसार जून के आखिरी दो दिनों में शहर में पहले ही 120 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है।

आज भारी तूफान की चेतावनी

कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बेंगलुरु के सभी हिस्सों में समान रूप से मध्यम से भारी बारिश हुई। बेंगलुरु में सबसे अधिक बारिश हम्पी नगर में 110.50 मिमी दर्ज की गई। इसके बाद मारुति मंदिरा वार्ड (89.50 मिमी), विद्यापीठ (88.50 मिमी) और कॉटनपेट (87.50 मिमी) का स्थान रहा। आईएमडी ने यह आगाह किया है कि अगले कुछ दिनों तक बेंगलुरु में बादल छाए रहने के साथ सोमवार को भी शहर में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ मध्यम से भारी तूफान आने की संभावना है।

500 से ज्यादा पेड़, सड़क और वाहनों को पहुंचा नुकसान

रविवार की शाम से लेकर देर रात तक हुई भारी बारिश ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाया। यह बताया जा रहा है कि करीब 100 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए और 500 से ज्यादा पेड़ों की शाखाएं टूटकर गिर गईं। पेड़ों के गिरने से कई जगहों पर घरों, सड़कों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचने की खबर भी आ रही है। शहर में जैसा तूफ़ान आना शुरू हुआ वैसे ही पेड़ की शाखाएं गिरने या पेड़ों के उखड़ने से कई इलाकों में बिजली के तार टूटने से कई इलाकों में कई घंटों तक बिजली गुल रही। बेंगलुरु-मैसूरु राजमार्ग पर खराब जल निकासी कार्य के परिणामस्वरूप जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई।

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