इस्तीफे की घोषणा के बाद राजकुमार आनंद ने कहा था, “यह पार्टी दलित विधायकों, पार्षदों और मंत्रियों का सम्मान नहीं करती। ऐसे में सभी दलित ठगा हुआ महसूस करते हैं। हम एक समावेशी समाज में रहते हैं, लेकिन अनुपात के बारे में बात करना गलत नहीं है। इन सभी चीजों के साथ मेरे लिए पार्टी में बने रहना मुश्किल है। इसलिए मैं पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”
राजकुमार आनंद ने कहा कि हमारे यहां 13 राज्यसभा सांसद हैं लेकिन इन 13 राज्यसभा सांसदों में एक भी कोई दलित, पिछड़ा नहीं है। उन्होंने कहा जब आरक्षण की बात आती है तो यह पार्टी पीछे हट जाती है। बीते दिनों विधानसभा ने विभिन्न फैलो की भर्ती की जिनकी तनख्वाह लाखों रुपए में है लेकिन उसमें दलितों को कोई आरक्षण नहीं दिया गया। ऐसे में मेरे लिए इस सरकार में बने रहना बिल्कुल उचित नहीं है।
राजकुमार आनंद ने कहा कि मैं दिल्ली सरकार में मंत्री हूं और मेरे पास सात विभाग हैं। मैं राजनीति में तब आया था जब अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलेगी, लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि राजनीति तो नहीं बदली, लेकिन राजनेता बदल गए। आम आदमी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था, लेकिन, आज यह पार्टी ही भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है। ऐसे में मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना और असहज हो गया है।
अरविंद केजरीवाल सरकार से उनके ही मंत्री राजकुमार आनंद द्वारा इस्तीफा देने पर कटाक्ष करते हुए भाजपा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पूरी तरह से घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त है। भाजपा ने यह भी कहा कि केजरीवाल के घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर आप के नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।