बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संसद में पेश किए बजट 2023-24 में कई प्रतिक्रियाएं आईं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहाकि, ये बजट मध्यम वर्ग के हित में है, इससे भारत प्रफुल्लित है भले ही विपक्ष नाराज़ हो। उन्होंने आगे कहाकि, इस बजट से महिला का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से ज़िला स्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहाकि, बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है। टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहाकि, पिछले बजट को आधार लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की गई है। इसके अंदर अगले 25 साल के लिए भारत कैसे आगे बढ़े उसकी नींव रखी गई है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहाकि, मुझे लगता है अमृतकाल में ये हमारा रोडमैप है, हम दुनिया में अपनी अर्थव्यवस्था को 10वें से 5वें स्थान पर ले आए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहाकि, बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहाकि, बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई।
RJD सांसद मनोज झा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहाकि, मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है।