नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से ही कराना चाहिए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट करते हुए कहा कि केवल राष्ट्रपति ही सरकार, विपक्ष और नागरिकों का प्रतिनिधित्व करती हैं। वो देश की प्रथम नागरिक हैं। खरगे ने आगे लिखा कि नए संसद भवन का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन सरकार के लोकतांत्रिक मूल्य और संवैधानिक मर्यादा को प्रदर्शित करेगा।
मोदी सरकार ने लगातार मर्यादा को ख़त्म कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी और आरएसएस की सरकार में राष्ट्रपति का पद महज औपचारिकता तक सीमित कर दिया गया है। ऐसा लगता है की देश में राष्ट्रपति का पद महज औपचारिकता के लिए रह गया है।
बता दें कि, कांग्रेस ने पहले उद्घाटन की तिथि को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाया था। दरअसल 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर का जन्मदिन है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यह महज संयोग है या फिर किसी रणनीति के तहत किया जा रहा है।
कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद भारतीय जनता पार्टी फिर से अपने पुराने रास्ते को अपनाना चाह रही है। इसीलिए वीर सावरकर के जन्मदिन पर नए संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस उद्घाटन से हिंदुत्व और राष्ट्रवाद से जोड़कर जनता में यह संदेश देना चाहती है कि वो अभी भी अपने विचारधारा पर अड़ी हुई हैं।
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नए संसद भवन में क्या सब होगा
नई संसद के लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। अभी वाले संसद भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। बता दें कि, संसद की नई इमारत सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत नई दिल्ली स्थित देश के पॉवर सेंटर का नवीनीकरण किया जा रहा है।
इसके तहत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास, और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण कर रहा है। जिसका उद्घाटन पीएम मोदी इस महीने की 28 तारीख को करने वाले हैं, जिस विपक्ष अब हमलावर हो गई है।