इन राज्यों में दिखेगा ज्यादा असर
साइक्लोन जवाद की वजह से ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार जताए गए हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और खड़ी फसलों, विशेष रूप से धान को संभावित नुकसान पहुंचने की संभावना है। चक्रवात जवाद की वजह से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को रोकने के लिए ओडिशा सरकार ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
मौसम विभाग ने बताया कि देश के कई हिस्सों में आधी रात यानि 12 बजे के बाद जवाग तूफान का असर देखने को मिलेगा। चक्रवात के बारे में अब चेतावनी दी गई है कि इस तूफान की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे रहने के आसार हैं और तेज हवाओं की वजह से पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ सकते हैं। इसके साथ ही भूस्खलन की संभावना भी बनी हुई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग अमरावती निदेशक स्टेला सैमुअल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है। वहीं अगले 6 घंटों में यह एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके साथ ही कल यानि 4 दिसंबर की सुबह तक इसके उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है।
तूफान के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से अपने घरों में ही रहने की अपील की है। साइक्लोन जवाद की गंभीरता के बारे में अमरावती के मौसम विभाग के निदेशक स्टेला सैमुअल ने कहा कि इसके बाद के 24 घंटों के दौरान उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर फिर से और ओडिशा तट के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। इस दौरान लगातार 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती रहेगी।
मौसम विभाग का कहन है कि इतनी तेज हवा चलने से बिजली के खंभे, पेड और भूस्खलन की संभावना भी बनी हुई है। इसके साथ ही किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। खतरे के चलते लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है।