मौसम विभाग चेन्नई के निदेशक (चक्रवाती तूफान) एस. बालचंद्रन के अनुसार इस तूफान के वेदारण्यम और पुदुचेरी के बीच 2 दिसम्बर को तट से सटने की संभावना है, इस वजह से चेन्नई समेत राज्य के तटीय जिलों में गुरुवार सुबह से बरसात शुरू हो सकती है। फिर इन जिलों में बरसात और घनी होगी। बाद में अंदरूनी जिलों में भी इसका प्रभाव दिखाई देगा। इस तूफान को ओमान ने नाडा नाम दिया है। दक्षिण एशियाई देशों में तूफान को नाम देने की परम्परा ओमान देश की है।
एनडीआरएफ तैयार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट एन. सी. मारवाह के अनुसार 2 दिसम्बर को तूफान के कडलूर जिले में तट से सटने की संभावना है। हमने राज्य प्रशासन के साथ तैयारियों की समीक्षा की है। मंगलवार और बुधवार को राजस्व प्रशासन आयुक्त के. सत्यगोपाल तथा अन्य अधिकारियों के साथ वार्ता हुई। वार्ता में बचाव व राहत संबंधी उपायों पर चर्चा की गई।
राज्य प्रशासन ने उनको बताया कि संवेदनशील इलाकों का खास नक्शा तैयार किया गया है। साथ ही इन क्षेत्रों के लिए अंतरविभागीय जोन टीम बनाई गई है। जलस्रोतों और जल वाहिकाओं में सुधार और सामुदायिक भागीदारिता को लेकर भी सरकार ने तैयारी की है। मारवाह ने शासन सचिव पी. राममोहन राव से भी भेंट की और 2015 की बाढ़ के अनुभव के आधार पर की गई तैयारियों पर संतुष्टि जताई।
स्कूलों में अवकाश तूफान की संभावना के चलते सरकार ने तटीय जिलों के स्कूलों में दो दिनी अवकाश की घोषणा की है। नाडा तूफान की वजह से होने वाली बरसात को देखते हुए चेन्नई, कडलूर, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर व नागपट्टिनम में 1 व 2 दिसम्बर को अवकाश घोषित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मौसम ने भी पिछले दिनों से करवट बदली है जिससे तापमान घटा है। ज्ञातव्य है कि पिछले साल एक दिसम्बर को चेन्नई में भारी बरसात की वजह से बाढ़ आ गई थी।