दलितों के साथ कुशीनगर के प्रशासन के इस बर्ताव को पूरे देश ने देखा था। गुजरात में दलितों के लिए काम करने वाली एनजीओ नवसर्जन के जरिए योगी सरकार को संदेश देने के लिए ये साबुन भेजा गया है। इसमें गुजरात के गांवों में रहने वाले दलितों के घर-घर से 10 रुपए जुटाकर उससे एक बड़ा साबुन बनाया गया है। भारत की कुल आबादी में से दलितों की आबादी 16.5 प्रतिशत होने के संकेत के रूप में 16.5 फुट की चौड़ाई और लंबाई का यह साबुन बनाया गया है। बाबा साहब अंबेडकर की 125वीं जयंती होने की वजह से साबुन को 125 किलो वजन का बनाया गया है। साबुन पर भगवान गौतम बुद्ध कि तस्वीर बनाई गई है। साबुन को बनवाने में उना दलितकांड के पीडि़त रमेश सरवैया की भी भूमिका है।
मुसहरों को शैंपू-साबुन देने से नाराज हैं दलित दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री कुशीनगर के मैनपुर कोट दीनापट्टी गांव के मुसहर टोले में जाने वाले थे। गोरखपुर से सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ मुसहरों के विकास की बात करते रहे और इसलिए गांव में टीकाकरण कार्यक्रम के लिए योगी आए। सीएम योगी ने मुसहरों के पांच बच्चों के टीकाकरण से कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान उन्हें मुसहर टोले भी जाना था, लेकिन वो गए नहीं और मुसहरों के हाथ में शैंपू-साबुन धरे के धरे रहे।