जानिए आपके शहर का हाल
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई की तुलना में एक सड़क हादसे में जान जाने की आशंका जयपुर, रायपुर, अहमदाबाद, लखनऊ जैसी राजधानियों की सड़कें हैं। दिल्ली में जहां सड़क हादसे में मारे जाने की आशंका करीब 25 फीसदी है, मुंबई में 19 फीसदी, कोलकाता में 9 फीसदी और चेन्नई में 14 फीसदी है वहीं, अहमदाबाद, रायपुर और जयपुर तथा लखनऊ जैसे शहरों में ये आशंका 28 से 43 फीसदी तक है। वहीं इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों में हादसों की संख्या काफी ज्यादा होने के बावजूद यहां हादसों में मौत की आशंका अपेक्षा कम है।
सेफ्टी उपाय नहीं अपनाने से 39 फीसदी मौतें
रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसे में मौत के मामले तब काफी बढ़ जाते हैं जब उपयोगकर्ता ने हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे सुरक्षा उपायों का प्रयोग नहीं किया हो। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में कुल 168491 लोग सड़क हादसों में मारे गए, इनमें 50029 यात्री हेलमेट नहीं पहने हुए थे और 16715 यात्री बिना सीट बेल्ट के थे। इस तरह हादसो में कुल मौतो में ऐसे लोगों की संख्या 39.61 फीसदी थी, जो बिना सुरक्षा उपायों के यात्री कर रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार इसमें भी बिना हेलमेट के ड्राइवरों की जान गंवाने वालों की संख्या 71 फीसदी और बिना सीट बेल्ट के जान गंवाने वाले ड्राइवरों की संख्या 50.2 फीसदी थी।
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फैक्ट सीट
– 2022 में भारत में कुल हादसे 4,61,312
– सड़क दुर्घटनाओं में मौतें 1,68,491
– घायलों की संख्या 4,43,366
– हर घंटे रोड एक्सीडेंट में 19 मौत
-हर एक घंटे में 53 सड़क हादसे हुए
रफ्तार सबसे जानलेवा
भारतीय सड़कों पर तेज रफ्तार सबसे बड़ी जानलेवा बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार 2022 में हुई लगभग 75 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण यही है। रिपोर्ट के अनुसार 67 फीसदी हादसे सीधी सड़कों पर हुए, जहां स्पीड तेज होती है। घुमावादार और टूटी सड़कों पर करीब 13 फीसदी हादसे हुए।